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Up Kiran, Digital Desk: आज के समय में स्तन कैंसर महिलाओं के बीच सबसे ज्यादा होने वाले कैंसरों में शामिल हो चुका है। यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है और शुरुआत में इसके लक्षण अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। लेकिन सही समय पर इसका पता लगाना और उचित उपचार करवाना इस जानलेवा बीमारी से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।
क्या होता है स्तन कैंसर? जानिए पूरी सच्चाई
स्तन कैंसर तब होता है जब स्तन की कोशिकाएं सामान्य से अलग तरीके से बढ़ने लगती हैं। ज्यादातर यह समस्या 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को होती है, लेकिन अब यह 40 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों में भी देखने को मिल रहा है। यह बीमारी पुरुषों को भी प्रभावित कर सकती है, हालांकि ऐसे मामले बहुत कम हैं।
स्तन कैंसर के प्रकार: किसका खतरनाक रूप किसे कहें?
आक्रामक डक्टल कार्सिनोमा (IDC): सबसे ज्यादा पाया जाने वाला प्रकार जो दूध की नलिकाओं से शुरू होकर आस-पास के ऊतकों तक फैलता है।
लोब्यूलर ब्रेस्ट कैंसर (ILC): यह कैंसर उन ग्रंथियों में शुरू होता है जो दूध बनाती हैं।
डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (DCIS): शुरुआती अवस्था का कैंसर, जो केवल नलिकाओं तक सीमित रहता है।
ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (TNBC): तेज़ी से फैलने वाला और खतरनाक प्रकार।
इन्फ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर (IBC): दुर्लभ लेकिन गंभीर, यह स्तन की त्वचा पर सूजन और लाल दाने के रूप में दिखता है।
ये शुरुआती संकेत दिखें तो न करें नजरअंदाजी
अगर स्तन या बगल में नई गांठ महसूस हो, या स्तन का आकार अचानक बदल जाए, तो इसे नजरअंदाज न करें। निप्पल से खून या असामान्य स्राव आना, लगातार दर्द या जलन होना, निप्पल का अंदर की ओर धंस जाना या त्वचा पर खिंचाव दिखना भी खतरे की घंटी है।