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Up Kiran, Digital Desk: इंग्लैंड दौरे की पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ अब निर्णायक मोड़ पर आ चुकी है, जहां भारत फिलहाल 2-1 से पिछड़ रहा है। अब सभी की निगाहें लंदन के केनिंग्टन ओवल मैदान पर होने वाले अंतिम और निर्णायक मुकाबले पर टिकी हैं। यह टेस्ट मैच न सिर्फ सीरीज़ की दिशा तय करेगा, बल्कि टीम इंडिया की रणनीति और भविष्य की सोच को भी दर्शाएगा।
इस मुकाबले को लेकर सबसे बड़ी चर्चा टीम चयन को लेकर हो रही है। अनुभवी खिलाड़ियों की फिटनेस और फॉर्म को देखते हुए टीम मैनेजमेंट बड़े बदलाव कर सकता है। साथ ही, कई युवा खिलाड़ियों को मौका देने की संभावना भी जताई जा रही है, जिससे साफ है कि कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल कुछ नए पत्ते खोल सकते हैं।
पंत की गैरहाज़िरी में जुरेल को बड़ी जिम्मेदारी
ऋषभ पंत की चोट भारतीय खेमे के लिए बड़ा झटका है। बल्लेबाज़ी के साथ-साथ उनकी विकेटकीपिंग भी टीम के लिए अहम रही है। लेकिन अब जब पंत फ्रैक्चर के चलते बाहर हो चुके हैं, तो ध्रुव जुरेल को अंतिम टेस्ट में दोहरी भूमिका निभानी पड़ सकती है। चौथे टेस्ट में वे पहले ही कीपिंग की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं और इस बार उन्हें बतौर बल्लेबाज़ भी खुद को साबित करने का मौका मिलेगा।
बुमराह की थकान और तेज गेंदबाजी में फेरबदल की संभावना
जसप्रीत बुमराह को लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं है। वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते उन्हें तीन टेस्ट तक ही सीमित रखने की योजना थी। ऐसे में अंतिम टेस्ट में उनकी अनुपस्थिति तय मानी जा रही है। अगर ऐसा होता है, तो युवा तेज गेंदबाज आकाश दीप को मौका मिल सकता है, जिन्होंने डोमेस्टिक क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है।
कंबोज का प्रदर्शन बना चिंता का विषय
मैनचेस्टर टेस्ट में डेब्यू करने वाले अंशुल कंबोज से उम्मीदें तो काफी थीं, लेकिन उन्होंने गेंदबाज़ी में कोई खास प्रभाव नहीं डाला। ओवल जैसे बल्लेबाज़ी समर्थक पिच पर शायद टीम मैनेजमेंट किसी और विकल्प की तलाश करे। अर्शदीप सिंह को मौका दिया जा सकता है, जो बाएं हाथ से स्विंग कराने में माहिर हैं और नई गेंद से बल्लेबाज़ों को चौंकाने की काबिलियत रखते हैं।
शार्दूल की जगह कुलदीप?
ऑलराउंडर शार्दूल ठाकुर को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। वे न गेंद से असर डाल पा रहे हैं और न ही बल्ले से बड़े योगदान दे पा रहे हैं। इस स्थिति में स्पिनर कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जा सकता है। कुलदीप को लेकर लंबे समय से मांग उठ रही है, और कई पूर्व क्रिकेटर भी उनके पक्ष में हैं। उनकी विविधता ओवल की पिच पर टीम को लाभ पहुंचा सकती है।
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