
Up Kiran, Digital Desk: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव के उग्र स्वरूप, काल भैरव को समर्पित है। 2025 में, अगस्त माह की कालाष्टमी 16 अगस्त, शनिवार को मनाई जाएगी। इस दिन काल भैरव की विशेष पूजा-अर्चना करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं, धन संबंधी परेशानियां समाप्त होती हैं और पारिवारिक सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
कालाष्टमी का महत्व: कालाष्टमी का व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति, धन लाभ, शत्रुओं पर विजय और सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति पाने के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन काल भैरव की विधि-विधान से पूजा करने पर वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं। काल भैरव को 'काल' यानी समय का स्वामी और मृत्यु का नियंत्रक भी माना जाता है। उनकी पूजा से भय, चिंता और अकाल मृत्यु का भय भी दूर होता है।
अगस्त कालाष्टमी 2025: तिथि और समय
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 15 अगस्त 2025, शुक्रवार, रात्रि 11:59 बजे
अष्टमी तिथि समाप्त: 16 अगस्त 2025, शनिवार, रात्रि 09:34 बजे
पूजा विधि और उपाय: कालाष्टमी के दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर व्रत का संकल्प लेते हैं। घर के पूजा स्थल को साफ करके, भगवान काल भैरव की प्रतिमा या चित्र स्थापित किया जाता है।
स्नान और संकल्प: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। व्रत का संकल्प लें।
शिवार्चन: भगवान शिव और मां पार्वती की भी पूजा करें।
काल भैरव की पूजा: काल भैरव की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं। उन्हें नीले फूल, आँकड़े के फूल, सिंदूर, अक्षत, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
विशेष भोग: काल भैरव को सरसों के तेल से बने पकवान, उड़द के पकौड़े, हलवा, भैरवनाथ को विशेष रूप से प्रिय माना जाने वाला काला तिल और गुड़ का भोग लगाना चाहिए।
मंत्र जाप: 'ॐ नमः शिवाय', 'ॐ कालभैरवाय नमः' या 'ॐ ह्रीं बं बटुकाय नमः' जैसे मंत्रों का जाप करें। 'काल भैरवाष्टकम' का पाठ करना विशेष फलदायी माना जाता है।
दान: सामर्थ्य अनुसार काला वस्त्र, कंबल, उड़द दाल, सरसों का तेल, जूते या छाता किसी गरीब या जरूरतमंद को दान करें। काले कुत्ते को दूध, दही या मिठाई खिलाना भी शुभ माना जाता है।
रात्रि पूजा: रात्रि के समय काल भैरव की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन दीपक जलाकर पूरी रात जागना शुभ माना जाता है।
आर्थिक और पारिवारिक समस्याओं के समाधान के लिए:
आर्थिक तंगी दूर करने के लिए: काल भैरव को सरसों का तेल और काले तिल अर्पित करें। 'ॐ कालभैरवाय नमः' मंत्र का 21 बार जाप करें।
पारिवारिक कलह से मुक्ति के लिए: घर में शांति बनाए रखने के लिए भगवान काल भैरव के साथ मां पार्वती की भी पूजा करें। परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर काल भैरवाष्टकम् का पाठ करें।
शत्रुओं से बचाव के लिए: नींबू की माला बनाकर काल भैरव को अर्पित करने से शत्रुओं की शक्ति कमजोर होती है।
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