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Up Kiran, Digital Desk: संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में एक ऐसा दिन दर्ज हो गया है, जिसकी शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। कल तक जिस शख्स और उसके संगठन को अल-कायदा से जुड़े एक क्रूर आतंकवादी समूह के रूप में जाना जाता था, आज वही शख्स दुनिया के सबसे बड़े मंच - संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित कर रहा था। सीरिया के नए अंतरिम नेता, अहमद अल-शारा, ने न्यूयॉर्क में UNGA के 79वें सत्र को संबोधित कर इतिहास रच दिया। यह पिछले 60 वर्षों में पहली बार है जब किसी सीरियाई नेता ने इस वैश्विक मंच से दुनिया को संबोधित किया है।

अल-शारा की यह उपस्थिति बशर अल-असद के तानाशाही शासन के पतन के बाद सीरिया में आए dramatice बदलाव का सबसे बड़ा प्रतीक है। यह एक ऐसे व्यक्ति का वैश्विक मंच पर उदय है, जिसका अतीत विवादों और हिंसा से भरा रहा है।

आतंकवाद से लोकतंत्र तक? UN में किए ये बड़े वादे

अपने संबोधन में, अहमद अल-शारा ने एक आतंकवादी नेता की अपनी पुरानी छवि को तोड़ने और एक राजनेता के रूप में खुद को स्थापित करने की पूरी कोशिश की। उन्होंने दुनिया से एक "नए सीरिया" के निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन की अपील की और कई बड़े वादे किए:

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई: उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ने और देश को अतिवाद से मुक्त करने का संकल्प लिया।

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा: उन्होंने सीरिया के सभी अल्पसंख्यक समुदायों - जिनमें ईसाई, द्रूज और अlevi भी शामिल हैं - की सुरक्षा और उनके अधिकारों का सम्मान करने का वादा किया।

महिलाओं के अधिकार: अल-शारा ने स्पष्ट रूप से कहा कि महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने और काम करने का पूरा अधिकार होगा।

लोकतांत्रिक सीरिया: उन्होंने एक ऐसे लोकतांत्रिक सीरिया की स्थापना का वादा किया जो तानाशाही और उग्रवाद, दोनों से मुक्त होगा।

कौन है अहमद अल-शारा? अल-कायदा से UN तक का सफर

अहमद अल-शारा का अतीत बेहद विवादास्पद है। वह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) नामक समूह का नेता है।

HTS का अतीत: HTS पहले नुसरा फ्रंट के नाम से जाना जाता था और यह अल-कायदा की आधिकारिक सीरियाई शाखा थी। हालांकि HTS ने 2016 में अल-कायदा से नाता तोड़ लिया था, लेकिन अमेरिका आज भी इसे एक आतंकवादी संगठन मानता है।

छवि बदलने की कोशिश: पिछले कुछ सालों में, अल-शारा ने अपने समूह को एक अधिक उदार और शासन-केंद्रित संगठन के रूप में पेश करने की कोशिश की है, जो खुद को अल-कायदा और ISIS जैसे समूहों से अलग बताता है।

दुनिया के लिए इसका क्या मतलब है?

बशर अल-असद के पतन के बाद, अहमद अल-शारा सीरिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति के रूप में उभरे हैं। UNGA में उनका भाषण सीरिया की नई सरकार के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता और वैधता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब पूरी दुनिया यह देख रही है कि क्या अहमद अल-शारा के शब्द उनकी कार्रवाइयों से मेल खाते हैं। क्या एक पूर्व आतंकवादी नेता सच में लोकतंत्र, महिला अधिकार और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का ध्वजवाहक बन सकता है? आने वाला समय ही सीरिया और दुनिया के लिए इस ऐतिहासिक मोड़ का भविष्य तय करेगा।