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Up Kiran, Digital Desk: इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में युवा भारतीय बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल की फील्डिंग ने कुछ आलोचनाएँ बटोरीं। उनकी कुछ गलतियों के बाद सोशल मीडिया और कमेंटेटरों के बीच उनके प्रदर्शन पर सवाल उठने लगे थे। हालांकि, एक पूर्व भारतीय कोच उनके बचाव में उतरे हैं और आलोचकों को संयम बरतने की सलाह दी है।

पूर्व कोच ने जोर देकर कहा कि जायसवाल अभी युवा हैं और अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत कर रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि जायसवाल ने बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया है और यह उनकी क्षमता का प्रमाण है। उन्होंने कहा, "आप किसी युवा खिलाड़ी को उसकी फील्डिंग के लिए तुरंत खारिज नहीं कर सकते, खासकर जब वह बल्ले से इतना अच्छा प्रदर्शन कर रहा हो।"

पूर्व कोच ने समझाया कि फील्डिंग एक ऐसा कौशल है जो अनुभव और लगातार अभ्यास से विकसित होता है। उन्होंने कई उदाहरण दिए जहाँ महान बल्लेबाज भी अपने करियर की शुरुआत में अच्छे फील्डर नहीं थे, लेकिन समय के साथ उन्होंने इसमें सुधार किया। उन्होंने कहा, "फील्डिंग पूरी तरह से अनुभव और मैदान पर बिताए गए समय पर निर्भर करती है। जायसवाल को अभी बहुत कुछ सीखना है और वह सीखेंगे।"

पूर्व कोच ने क्रिकेट समुदाय से धैर्य रखने और युवा प्रतिभा को अनावश्यक दबाव में न डालने की अपील की। उनका मानना है कि जायसवाल को अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करने और फील्डिंग पर धीरे-धीरे काम करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिए जाने चाहिए।

पूर्व कोच का संदेश स्पष्ट है: यशस्वी जायसवाल एक असाधारण प्रतिभा हैं जिनके पास भारत के लिए लंबे समय तक खेलने की क्षमता है। उनकी फील्डिंग में सुधार निश्चित रूप से होगा, लेकिन इसमें समय लगेगा।

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