
दिल्ली नगर निगम (MCD) से जुड़ा एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है। मेट्रो अस्पताल के एक पूर्व कर्मचारी पर आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारी के जरिए ₹75 लाख की भारी रकम निजी बैंक खाते में ट्रांसफर करा ली। यह मामला सरकारी विभागों में बढ़ते साइबर और डॉक्युमेंट फ्रॉड की एक और मिसाल बन गया है।
कैसे हुआ ये फर्जीवाड़ा?
जानकारी के अनुसार, आरोपी ने खुद को MCD से जुड़ा सप्लायर या कर्मचारी बताकर फर्जी बिल और भुगतान दस्तावेज तैयार किए। फिर उन दस्तावेजों को संबंधित विभागों में जमा किया और बैंक डिटेल में अपने निजी अकाउंट की जानकारी दे दी। भुगतान प्रक्रिया में गड़बड़ी का फायदा उठाते हुए MCD ने ₹75 लाख की राशि उसी अकाउंट में ट्रांसफर कर दी।
कब सामने आया मामला?
जब MCD के अकाउंट सेक्शन ने अपने रिकॉर्ड की जांच की तो उन्हें गड़बड़ी का शक हुआ। बाद में जांच में खुलासा हुआ कि जिन डॉक्युमेंट्स के आधार पर भुगतान हुआ, वो फर्जी थे। इसके बाद पूरे मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी गई और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।
आरोपी की पहचान और कार्रवाई
आरोपी मेट्रो अस्पताल में पहले काम कर चुका है और टेक्निकल व अकाउंट सिस्टम की जानकारी रखता था। पुलिस ने अब मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपी की तलाश की जा रही है। संबंधित बैंक अकाउंट को भी फ्रीज कर दिया गया है।
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