
Up Kiran, Digital Desk: भारत, विशेष रूप से कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु, दुनिया के नक्शे पर 'आईफोन कैपिटल' के रूप में उभरने की ओर अग्रसर है। यह बड़ा दावा कर्नाटक के वाणिज्य और उद्योग मंत्री एम. बी. पाटिल ने किया है। उनके अनुसार, ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज फॉक्सकॉन (Foxconn) द्वारा बेंगलुरु में अपने नए विनिर्माण इकाई का संचालन शुरू करने के साथ, बेंगलुरु न केवल एप्पल (Apple) के उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
फॉक्सकॉन का बेंगलुरु में निवेश: भारत के लिए गेम-चेंजर?
फॉक्सकॉन ने बेंगलुरु के देवनाहल्ली में अपनी दूसरी सबसे बड़ी विनिर्माण सुविधा का शुभारंभ किया है, जो चीन के बाहर कंपनी का सबसे बड़ा प्लांट है। इस इकाई में 2.8 बिलियन डॉलर (लगभग 25,000 करोड़ रुपये) का भारी निवेश किया गया है। मंत्री पाटिल ने इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर को "स्मार्टफोन असेंबली से कहीं बढ़कर" बताते हुए कहा कि यह "कर्नाटक के एक वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने, हजारों नौकरियां सृजित करने, आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने और भारत की निर्यात महत्वाकांक्षाओं को पंख देने" को दर्शाता है।
यह नई इकाई, फॉक्सकॉन की चेन्नई इकाई के साथ मिलकर, एप्पल के आईफोन 17 मॉडल का उत्पादन करेगी। हाल के वर्षों में, एप्पल ने भारत में अपने उत्पादन को तेजी से बढ़ाया है। 2024-25 में जहाँ भारत में आईफोन का उत्पादन 35-40 मिलियन यूनिट था, वहीं अब इसे बढ़ाकर 60 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष करने की योजना है। 2025 की पहली छमाही में भारत में आईफोन शिपमेंट में 21.5% की वृद्धि दर्ज की गई, जो देश के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
बेंगलुरु क्यों है खास? 'ईकोसिस्टम' और 'रोज़गार' का संगम!
मंत्री पाटिल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि बेंगलुरु में फॉक्सकॉन का परिचालन, कर्नाटक के मजबूत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र (robust electronics manufacturing ecosystem) में निवेशकों के बढ़ते विश्वास की पुष्टि करता है। बेंगलुरु, जिसे पहले से ही भारत की 'टेक कैपिटल' के रूप में जाना जाता है, अब 'आईफोन कैपिटल' बनने की राह पर है। इस विस्तार से न केवल हजारों नौकरियां सृजित होंगी, बल्कि भारत की वैश्विक सप्लाई चेन में भी महत्वपूर्ण सुधार होगा।
भारत का बढ़ता दबदबा: 'मेक इन इंडिया' की सफलता
यह विकास भारत के 'मेक इन इंडिया' पहल और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण की एक बड़ी सफलता को दर्शाता है। एप्पल जैसी वैश्विक दिग्गज कंपनियों का भारत में उत्पादन बढ़ाना, देश की विनिर्माण क्षमताओं में विश्वास का संकेत है। बेंगलुरु, अपनी कुशल कार्यबल, नवाचार और सरकारी समर्थन के साथ, इस परिवर्तन का केंद्र बनने के लिए तैयार है।
मंत्री पाटिल ने विश्वास व्यक्त किया कि फॉक्सकॉन का परिचालन निर्धारित समय पर है और यह कर्नाटक के पारिस्थितिकी तंत्र की मजबूती को और बढ़ाएगा। यह भारत को वैश्विक स्मार्टफोन विनिर्माण में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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