
नई दिल्ली – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों का समर्थन मिल रहा है। इस सिलसिले में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और भारत के प्रति एकजुटता प्रकट की। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में भारत और भारत की जनता फ्रांस की दोस्ती और समर्थन पर भरोसा कर सकती है। फ्रांस ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वह आतंकवाद के किसी भी रूप को स्वीकार नहीं करता।
मैक्रों का दो टूक संदेश – 'आतंकवाद अस्वीकार्य है'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के अनुसार, राष्ट्रपति मैक्रों ने पीएम मोदी से बातचीत में पहलगाम हमले को ‘पूरी तरह अस्वीकार्य’ बताया। उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमले के दौरान जो बर्बरता सामने आई, वह न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक मानवता के लिए एक गंभीर खतरा है। मैक्रों ने स्पष्ट किया कि फ्रांस आतंक के खिलाफ भारत के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है और यह साझेदारी आगे भी बरकरार रहेगी।
अन्य वैश्विक नेताओं का भी समर्थन, भारत के साथ खड़े हुए
फ्रांस के अलावा कई और देशों के शीर्ष नेताओं ने भी पीएम मोदी से बात कर एकजुटता जताई। इनमें जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा और इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू शामिल हैं। सभी ने भारत में हुए इस भयावह हमले की निंदा की और भारत को समर्थन का भरोसा दिलाया।
पहलगाम हमला – एक बार फिर याद दिलाया पुलवामा की दर्दनाक घटना
इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। हमला न केवल मानवीय दृष्टिकोण से दुखद है, बल्कि यह भारत की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देने वाला भी है। यह घटना पुलवामा हमले की याद दिलाती है, जिसने 2019 में पूरे देश को हिला दिया था।
भारत का जवाब – सिंधु जल संधि स्थगित, पाकिस्तान पर बढ़ा दबाव
आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने भी बड़ा फैसला लेते हुए 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। गुरुवार को इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी की गई। इस निर्णय के जरिए भारत ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले किसी भी देश के साथ अब व्यापार या कूटनीतिक संबंध पूर्ववत नहीं रहेंगे। इससे पहले बुधवार को भारत ने पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित करने, वीजा रद्द करने और अटारी बॉर्डर सील करने जैसे कदमों की भी घोषणा की थी।
एकजुट वैश्विक समर्थन, सख्त भारतीय रणनीति – आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक मोड़
अब जब भारत को अमेरिका, फ्रांस, जापान, इज़राइल जैसे देशों का समर्थन प्राप्त हो रहा है, तो यह साफ है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई अब सिर्फ उसकी अकेली जंग नहीं है। यह एक वैश्विक संघर्ष बनता जा रहा है, जहां लोकतांत्रिक और शांतिप्रिय देश एक साथ खड़े हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी को मिल रहा यह समर्थन भारत की वैश्विक स्थिति को और मजबूत करता है।
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