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Up Kiran, Digital Desk: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की सहकारी निरीक्षक भर्ती परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। मोदीनगर के कनकपुर भोजपुर गांव का रहने वाला सुरेंद्र नाम का युवक, जो खुद को योग्य अभ्यर्थी साबित करने के लिए हर हद पार कर गया, आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया। उसने खुद की उम्र कम दिखाने के लिए दोबारा हाईस्कूल और इंटर पास किया, फिर उन दस्तावेजों के आधार पर स्नातक की डिग्री भी दोबारा हासिल की।

सरकारी तंत्र को दी चुनौती, अब बनेगा केस स्टडी
सुरेंद्र की गिरफ्तारी शनिवार को हुई, लेकिन इसके पीछे की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। उसने परीक्षा देने के लिए देहरादून, टिहरी और हरिद्वार जैसे तीन अलग-अलग जिलों में आवेदन किए। हर बार नए मोबाइल नंबर, अलग-अलग पहचान और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया।

रायपुर थाने में इस पूरे मामले को लेकर शुक्रवार को एफआईआर दर्ज की गई थी। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि मामले की गहराई से जांच चल रही है और यह भी खंगाला जा रहा है कि उसने यह फर्जी दस्तावेज कहां और कैसे बनवाए।

तीन बार एक ही परीक्षा के लिए अप्लाई, सिस्टम में मचाई हलचल
जब आयोग के अधिकारियों को एक अभ्यर्थी के दस्तावेजों में असमानता नजर आई, तो उन्होंने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) से जांच करवाई। रिपोर्ट में सामने आया कि सुरेंद्र ने तीन बार आवेदन किया है, वो भी अलग-अलग जानकारियों के साथ।

इतना ही नहीं, देहरादून के बालावाला इलाके के पते पर उसने एक स्थायी निवास प्रमाणपत्र भी बनवा लिया था, जो पूरी तरह से फर्जी निकला।