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Up Kiran, Digital Desk: अजमेर शहर में एक ऐसी घटना सामने आई जिसने न केवल एक परिवार को झकझोर दिया बल्कि इलाके में सुरक्षा की भावना को भी दांव पर लगा दिया है। प्रॉपर्टी कारोबारी लेखराज रैगर की हत्या उनके ही करीबी दोस्तों ने की, जो जमीन के विवाद के कारण आपसी विवाद का रूप धारण कर गई।
दोस्ती के नाम पर हुई साजिश
लेखराज, जो नागौर जिले के हरसौर के निवासी थे, लंबे समय से अजमेर में प्रॉपर्टी के कामकाज में लगे थे। उनकी अचानक गुमशुदगी से पूरे परिवार और परिचितों में चिंता का माहौल बन गया था। 13 अक्टूबर को घर से निकले लेखराज के वापस न आने पर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी युवकों को हिरासत में लेकर मामले की गुत्थी सुलझाई।
साक्ष्य और गिरफ्तारी
मायापुर गांव के पांच युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इनमें श्याम सिंह रावत, बीरम सिंह रावत, छगन सिंह रावत, नरेश रावत और विमल सिंह रावत शामिल हैं। पूछताछ में सभी ने हत्या की बात स्वीकार की। आरोपितों ने निशानदेही से केसरपुरा के जंगल में छह फीट गहरा गड्ढा खोदकर दफन किए गए शव का स्थान बताया। पुलिस ने रात के समय जेसीबी से खुदाई कर शव को बरामद किया, जो तीन दिन पुराना था।
परिवार और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
मृतक के बेटे पार्थ रैगर ने बताया कि उनके पिता की मौत ने पूरे परिवार को टूट कर रख दिया है। वे जयपुर और पुष्कर में भी प्रॉपर्टी के सौदे करते थे। पार्थ ने यह भी बताया कि पिता श्याम सिंह रावत के जन्मदिन की पार्टी में जाने के लिए घर से निकले थे। स्थानीय लोग इस हत्या की वारदात से दहल गए हैं। पुलिस के आने पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई।
जमीन के विवाद ने ली जान
मामले की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि हत्या की वजह जमीन से जुड़ा विवाद है। श्याम सिंह रावत और मृतक के बीच डूंगरिया खुर्द की जमीन को लेकर टकराव चल रहा था। जब लेखराज ने जमीन बेचने से इनकार किया तो श्याम सिंह ने हत्या की योजना बनाई। सीओ नॉर्थ रूद्र प्रकाश ने बताया कि जांच में साफ हुआ कि यह एक सुनियोजित हत्या थी।
आगे की कार्रवाई जारी
पुलिस आरोपी युवकों से पूछताछ कर रही है और घटना के अन्य पहलुओं की भी जांच कर रही है। मौके पर एफएसएल टीम ने साक्ष्य जुटाए और इस घटना से इलाके में तनाव व्याप्त है।