Up Kiran, Digital Desk: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश और उसके पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा के बीच एक पुराना विवाद फिर से गरमा गया है। इस बार मुद्दा है भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) परियोजनाओं से जुड़ा करोड़ों रुपये का बकाया, जिसको लेकर हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बेहद कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने सीधे तौर पर पंजाब और हरियाणा की सरकारों पर हिमाचल का हक मारने और जानबूझकर बाधाएं पैदा करने का आरोप लगाया है।
क्या है पूरा विवाद: भाखड़ा और ब्यास नदियां हिमाचल से निकलती हैं और इन पर बने बड़े-बड़े बांधों और बिजली परियोजनाओं में हिमाचल की जमीन और संसाधन लगे हैं। इसी आधार पर, हिमाचल प्रदेश इन परियोजनाओं में अपनी हिस्सेदारी की मांग करता रहा है। सालों की कानूनी लड़ाई के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने भी हिमाचल के हक पर मुहर लगा दी थी।
लेकिन मुख्यमंत्री सुक्खू का आरोप है कि इस कानूनी जीत के बावजूद, पंजाब और हरियाणा बकाया चुकाने में आनाकानी कर रहे हैं।
संकीर्ण राजनीतिक सोच' का लगाया आरोप
मुख्यमंत्री सुक्खू ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "यह हिमाचल प्रदेश का वैध अधिकार है, कोई खैरात नहीं। लेकिन पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री संकीर्ण राजनीतिक सोच के कारण हमारा बकाया चुकाने में बाधा डाल रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि जब भी हिमाचल अपने अधिकारों की बात करता है, तो पड़ोसी राज्य इस पर राजनीति करना शुरू कर देते हैं। उनका कहना है कि यह रवैया न केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है, बल्कि यह सहयोगी संघवाद की भावना के भी खिलाफ है।
हिमाचल सरकार का कहना है कि यह पैसा राज्य के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस बकाये के मिलने से प्रदेश में कई विकास परियोजनाओं को गति दी जा सकती है। अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री सुक्खू के इस कड़े रुख के बाद पड़ोसी राज्य इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।

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