Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान के दूरदराज इलाकों में जहाँ सड़कें भी थक जाती हैं वहाँ बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) ने इंसानी हौसले की मिसाल कायम की है। बाड़मेर बालोतरा और चूरू जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में ऊंटों की सवारी करके ढाणियों तक पहुँचना पड़ा तो शेरगांव और उतरज जैसे ऊँचे पर्वतीय मतदान केंद्रों तक रोज 16 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। इन कठिन हालातों में भी एक भी दिन काम नहीं रुका। नतीजा यह हुआ कि 9 दिन शेष रहते ही 4 करोड़ 37 लाख से ज्यादा फॉर्म ईसीआई-नेट पर अपलोड हो गए और राजस्थान पूरे देश में पहले नंबर पर पहुँच गया।
आम मतदाता को मिल रहा सबसे बड़ा फायदा
इस पूरी कवायद का सबसे बड़ा लाभ सीधे आम नागरिक को मिलने वाला है। अब गाँव का आखिरी व्यक्ति भी घर बैठे अपना नाम वोटर लिस्ट में देख सकेगा। गलत या डुप्लीकेट एंट्री हटेगी और नए मतदाताओं का नाम जुड़ना आसान हो जाएगा। खासकर युवाओं महिलाओं और प्रवासी मजदूरों के लिए यह डिजिटल प्रक्रिया वरदान साबित हो रही है।
कौन से इलाके सबसे आगे निकले?
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन-2026 के तहत अब तक राज्य के 4300 से ज्यादा बूथों पर सौ फीसदी काम पूरा हो चुका है।
- बाड़मेर में 434 केंद्र
- बालोतरा में 279 केंद्र
- चूरू में 213 केंद्र
- गुढ़ामालानी में 183 बूथ
- बायतु में 144 बूथ पूरे हो चुके हैं।
औसत फॉर्म अपलोड के मामले में भरतपुर जिला 935 फॉर्म प्रति बीएलओ के साथ अव्वल रहा। उसके बाद सवाई माधोपुर (920) और सलूंबर (916) का नंबर आता है। विधानसभा स्तर पर भीनमाल ने 1020 फॉर्म का रिकॉर्ड बनाया।
मेहनत का सम्मान मिला हाथों-हाथ
इस अभूतपूर्व सफलता को देखते हुए करीब 2500 बीएलओ और अधिकारियों को सम्मानित किया गया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने राज्य स्तर पर 516 लोगों को खुद सम्मान पत्र दिए जबकि जिला स्तर पर करीब 2000 कर्मियों को पुरस्कार मिले। बालोतरा में 180 और भरतपुर में 121 बीएलओ खास तौर पर सराहे गए।
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