Up Kiran, Digital Desk: जब भी हम किसी खिलाड़ी को जीतते हुए देखते हैं चाहे वह क्रिकेट में लगाया गया एक शानदार शतक हो, ओलंपिक में जीता गया गोल्ड मेडल हो, या फुटबॉल के मैदान पर किया गया एक करिश्माई गोल—तो हमारी नज़रें और तालियां सिर्फ़ उस खिलाड़ी के लिए होती हैं. लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि उस चमकते सितारे के पीछे कौन खड़ा है?
हर कामयाब खिलाड़ी के पीछे एक गुरु, एक मेंटोर या एक कोच होता है, जो सिर्फ़ उसके खेल को ही नहीं, बल्कि उसके पूरे व्यक्तित्व को तराशता है. आज हम उसी गुमनाम हीरो की बात करेंगे, जिसके बिना शायद कोई भी खिलाड़ी 'महान' नहीं बन पाता.
खेल से कहीं बढ़कर है यह रिश्ताखेलों में एक कोच या मेंटोर का काम सिर्फ़ शारीरिक ट्रेनिंग देना या खेल के दांव-पेंच सिखाना नहीं होता. यह उससे कहीं ज़्यादा गहरा रिश्ता है. एक अच्छा गुरु खिलाड़ी का रणनीतिकार, उसका मोटिवेटर और सबसे बड़ा रोल मॉडल होता है. वह उसे सिखाता है कि जीत को विनम्रता से और हार को हिम्मत से कैसे स्वीकार करना है. धैर्य, फोकस और लगन जैसे जीवन के सबसे ज़रूरी सबक भी खिलाड़ी को इसी गुरु से मिलते हैं.
जब टूटता है हौसला: एक खिलाड़ी की ज़िंदगी में हार, चोट और निराशा के पल ज़रूर आते हैं. ऐसे मुश्किल समय में, जब दुनिया उस पर शक करने लगती है, तब यही गुरु उसकी हिम्मत का सबसे मज़बूत स्तंभ बनता है. वह उसे याद दिलाता है कि असफलता अंत नहीं, बल्कि सुधार की ओर पहला क़दम है. यह भावनात्मक सहारा ही अक्सर एक खिलाड़ी को हार मान लेने और फिर से खड़े होकर लड़ने के बीच का फ़र्क़ तय करता है.
'मैं' नहीं, 'हम' की भावना: एक अच्छा गुरु ही खिलाड़ी को सिखाता है कि व्यक्तिगत गौरव से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण टीम की जीत होती है. वह खिलाड़ियों के बीच सहयोग, विश्वास और सम्मान की संस्कृति को बढ़ावा देता है. टीम खेलों में, यह एकता और भाईचारा अक्सर व्यक्तिगत प्रतिभा से ज़्यादा मायने रखता है.
ज़िंदगी भर का साथ: एक मेंटोर सिर्फ़ मैदान तक सीमित नहीं रहता, वह जीवन भर के लिए प्रेरणा बन जाता है. आज भी दुनिया के बड़े-बड़े एथलीट अपनी सफलता का श्रेय अपने उन कोचों को देते हैं, जिन्होंने उन्हें अनुशासन, प्रतिबद्धता और सहानुभूति जैसे मानवीय मूल्य सिखाए. यह रिश्ता अक्सर सम्मान और दोस्ती के एक ऐसे बंधन में बदल जाता है, जो खिलाड़ी के करियर ख़त्म होने के बाद भी ताउम्र क़ायम रहता है.
तो अगली बार जब आप किसी खिलाड़ी की सफलता पर ताली बजाएं, तो एक पल के लिए उस गुरु को भी ज़रूर याद कीजिएगा, जिसने उस हीरे को तराशने के लिए अपना सब कुछ लगा दिया.

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