उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा को और भी सुव्यवस्थित, सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। उदयपुर के डीएम डॉ. आशीष चौहान ने हाल ही में जिला कार्यालय के एनआईसी कक्ष में एक अहम समीक्षा बैठक आयोजित की। समें यात्रा मार्ग पर सभी बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश दिए गए। पेयजल, शौचालय, स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर ट्रैफिक व्यवस्था तक। हर पहलू पर गंभीर चर्चा हुई। जैसे-जैसे यात्रा का समय नजदीक आ रहा है, प्रशासन की ये तैयारियां लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक सुरक्षित और सुखद अनुभव सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम हैं। आइए, इस बैठक के प्रमुख बिंदुओं और तैयारियों पर एक नजर डालते हैं।
यात्रा मार्ग पर बुनियादी सुविधाएं
डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बैठक में साफ तौर पर कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने श्रीनगर और यमकेश्वर क्षेत्र के सभी सार्वजनिक शौचालयों की सफाई और पेयजल व्यवस्था को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
डॉ. चौहान ने अफसरों को आदेश दिया कि यात्रा मार्ग पर सभी पेयजल संयोजन, प्याऊ और टंकियों की सफाई कर पांच दिनों के भीतर पेयजल आपूर्ति को पूरी तरह सुचारू किया जाए।
उन्होंने कहा कि यात्रियों के लिए स्वच्छ पेयजल और शौचालय की उपलब्धता सबसे बुनियादी जरूरत है। इस मामले में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
और तो और यात्रियों के स्वागत के लिए विशेष व्यवस्थाएं करने के निर्देश भी दिए गए। उप-डीएम श्रीनगर और नगर निगम के अफसरों को पहले जत्थे के आगमन के लिए तैयारियां सुनिश्चित करने को कहा गया है।
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