
Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक में 'सामूहिक दफन' के आरोपों से जुड़ा मामला अब एक नए और भयावह मोड़ पर आ गया है! मंगलुरु जिले के धर्मस्थल मंदिर शहर में, विशेष जांच दल ने छठे दफन स्थल की खुदाई के दौरान मानव हड्डियां (Human Bones) बरामद की हैं, जिसकी पुष्टि गुरुवार को सूत्रों ने की। यह खोज धर्मस्थल मंदिर शहर में सामूहिक कब्रों (Mass Grave Allegations) के आरोपों की जांच में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होने वाली है। यह मामला न केवल पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है, बल्कि इसने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि इसमें बलात्कार (Rape) और हत्या (Murder) जैसे गंभीर आरोप भी शामिल हैं।
छठे दफन स्थल से हड्डियां बरामद: जांच में बड़ा मोड़!
सूत्रों के अनुसार, SIT ने वन क्षेत्र में स्थित छठे दफन स्थल (Sixth Burial Site) से दो हड्डियां बरामद की हैं। यह व्हिसलब्लोअर (Whistleblower) के दावों को मजबूत करता है, जिसने इसी स्थल पर 8 शवों को दफनाने का दावा किया था।
SIT का पूरा ध्यान: इस बरामदगी के बाद, SIT ने अपना पूरा ध्यान स्थल की सावधानीपूर्वक और विस्तृत खुदाई पर केंद्रित कर दिया है, जिसमें पूरी टीम को प्रक्रिया में सहायता के लिए लगाया गया है।
शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी: इस महत्वपूर्ण खोज के जवाब में, SIT प्रमुख डीजीपी पी. मोहंती (DGP P. Mohanty) और डीआईजी एम.एन. अनुचेत (DIG M.N. Anuchet) तुरंत मौके पर पहुंच रहे हैं। खुदाई तहसीलदार (Tehsildar), फॉरेंसिक साइंस विशेषज्ञों (Forensic Science Experts) और SIT कर्मियों की उपस्थिति में की जा रही है, ताकि प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित की जा सके।
DNA विश्लेषण की तैयारी: अधिकारी सावधानीपूर्वक खुदाई प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे हैं। बरामद हड्डियों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा और आगे की जांच और डीएनए विश्लेषण (DNA Analysis) के लिए फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) में भेजा जाएगा। यह डीएनए रिपोर्ट ही इस मामले में सबसे अहम सबूत साबित होगी।
व्हिसलब्लोअर के चौंकाने वाले दावे और पिछली बरामदगियां: इस मामले के व्हिसलब्लोअर और शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि उसने छठे दफन स्थल पर 8 शवों को दफनाया था। यह दावा अब हड्डियों की बरामदगी से और पुष्ट होता दिख रहा है।
खोपड़ी भी सौंपी गई: व्हिसलब्लोअर ने SIT को एक खोपड़ी भी सौंपी है, जिसे कथित तौर पर दफन स्थल से निकाला गया था। यह भी FSL जांच का हिस्सा बनेगी।
पहले स्थल से मिले सबूत: सूत्रों ने बताया कि पहले दफन स्थल से जांचकर्ताओं को एक लाल फटा हुआ ब्लाउज और लक्ष्मी नाम की एक महिला का पैन कार्ड भी मिला था। ये सबूत मामले को और अधिक जटिल बनाते हैं और संकेत देते हैं कि यहां कई लोगों को दफनाया गया हो सकता है।
मामले का इतिहास और भयावह आरोप: 11 जुलाई को इस मामले के गुमनाम शिकायतकर्ता, जिसने दावा किया था कि उसे धर्मस्थल गांव में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई कई महिलाओं और लड़कियों के शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था, कर्नाटक के मंगलुरु जिले की एक अदालत में पेश हुआ और अपना बयान दर्ज कराया।
उसने पुलिस से उसकी उपस्थिति में शवों को निकालने का अनुरोध किया था। उसने आगे आरोप लगाया कि महिलाओं के शवों पर यौन उत्पीड़न (Sexual Assault) के स्पष्ट संकेत थे। वे बिना कपड़ों या अंतर्वस्त्रों के पाए गए थे और उन पर हिंसक यौन कृत्यों (Violent Sexual Acts) का सुझाव देने वाली चोटें थीं। इन खुलासों ने राज्य को स्तब्ध कर दिया है।
उच्च-स्तरीय जांच की मांग: एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश (Retired Supreme Court Judge) और कार्यकर्ताओं ने कई महिलाओं, लड़कियों और बेसहारा पुरुषों से जुड़े चौंकाने वाले धर्मस्थल हत्याकांडों की सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट की निगरानी में SIT जांच (SIT Probe Monitored by SC/HC) की मांग की है। यह मांग इस मामले की गंभीरता और इसकी जांच की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए की गई है।
प्रशासनिक कदम और जारी खुदाई:
अतिरिक्त पुलिस बल: डीजीपी और आईजीपी एम.ए. सलीम ने SIT को चल रही जांच में सहायता के लिए नौ अतिरिक्त पुलिस कर्मियों—जिसमें एक हेड कांस्टेबल और कई कांस्टेबल शामिल हैं—को नियुक्त करने का आदेश जारी किया है। इससे पहले विभाग ने SIT को 20 पुलिस अधिकारी उपलब्ध कराए थे।
बारिश के बावजूद जारी खुदाई: चिह्नित दफन स्थलों पर खुदाई का काम गुरुवार को लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा, भले ही बारिश हो रही थी। 13 चिह्नित दफन स्थलों में से, साइट नंबर 6, 7 और 8 पर वर्तमान में खुदाई का काम चल रहा है।
सिविक वर्कर्स की तैनाती: खुदाई का काम करने के लिए सिविक वर्कर्स को तैनात किया जा रहा है, जबकि तहसीलदार, फॉरेंसिक साइंस विशेषज्ञ और शिकायतकर्ता भी निगरानी के लिए मौके पर मौजूद हैं।
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