Up Kiran, Digital Desk: गोवा की सुंदरता अब और भी सुलभ होने वाली है, खासकर उन लोगों के लिए जो चोराव द्वीप और रिबंदर के बीच यात्रा करते हैं। गोवा में रिवर नेविगेशन विभाग ने इस मार्ग पर दो नई रो-रो (Ro-Ro: Roll-on/Roll-off) फ़ेरीज़ - 'गंगोत्री' और 'द्वारका' - की शुरुआत की है। यह कदम गोवा में परिवहन के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और यात्रियों के लिए यात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
क्या है रो-रो फ़ेरीज़ की खासियत? रो-रो फ़ेरीज़ ऐसे पोत होते हैं जो वाहनों (जैसे कार, ट्रक, मोटरसाइकिल) और यात्रियों को आसानी से चढ़ने और उतरने की सुविधा देते हैं। यह पारंपरिक फ़ेरीज़ से अलग होते हैं जिनमें वाहनों को उठाना या बांधना पड़ता था। इस नई सेवा से चोराव द्वीप तक पहुँचने में लगने वाला समय और प्रयास काफी कम हो जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों को फायदा होगा।
गंगोत्री और 'द्वारका' का महत्व: ये दोनों फ़ेरीज़ न केवल यात्रियों और वाहनों को ले जाने की क्षमता बढ़ाएंगी, बल्कि यात्रा के अनुभव को भी बेहतर बनाएंगी। चोराव द्वीप, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, अब पहले से कहीं ज़्यादा सुलभ हो जाएगा। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। रिबंदर से चोराव तक की यात्रा अब न केवल तेज़ होगी, बल्कि अधिक आरामदायक भी होगी।
गोवा सरकार लगातार अपने परिवहन नेटवर्क को आधुनिक बनाने और यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। यह पहल गोवा को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में और मजबूत करेगी, साथ ही स्थानीय निवासियों के दैनिक जीवन को भी आसान बनाएगी। यह कदम राज्य में जलमार्ग परिवहन को एक नया आयाम देगा और भविष्य में ऐसे और सुधारों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।
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