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अडानी ग्रुप की दो कंपनियों अडानी ट्रांसमिशन और अडानी एंटरप्राइजेज को क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए नए इक्विटी फंड जारी करने की मंजूरी मिल गई है। शनिवार को हुई कंपनी की बोर्ड बैठक में धन उगाहने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई और इसे मंजूरी दी गई। अडानी ट्रांसमिशन 8,500 करोड़ रुपये और अडानी एंटरप्राइजेज 12,500 करोड़ रुपये जुटाने के लिए तैयार है।

दिलचस्प बात यह है कि इस पैसे को अडानी समूह के पास जमा करने से समूह को अपना कर्ज चुकाने में मदद मिलने की उम्मीद है। फंड जुटाना ऐसे समय में आया है जब समूह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त पैनल और बाजार नियामक सेबी द्वारा जांच कर रहा है। अडानी ट्रांसमिशन बोर्ड ने क्यूआईपी के जरिए 8,500 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दी है।

अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी ट्रांसमिशन ने यह भी घोषणा की कि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए कुल 21,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। अडानी एंटरप्राइजेज ने 12,500 करोड़ रुपये जबकि अडानी ट्रांसमिशन ने 8,500 करोड़ रुपये जुटाए। दोनों कंपनियों ने बोर्ड मीटिंग के बाद अलग-अलग रेग्युलेटरी फाइलिंग में कहा कि फंड जुटाने की प्रक्रिया क्यूआईपी या अन्य प्रक्रिया के जरिए शेयरों और/या अन्य पात्र प्रतिभूतियों को जारी करके होगी।

फंड जुटाए जाने से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा

अडानी समूह को उम्मीद है कि फंड जुटाने से समूह की कर्ज चुकाने की क्षमता के बारे में चिंता कम होगी और निवेशकों के बीच विश्वास बनाने में मदद मिलेगी। अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ग्रुप के आरोपों ने अडानी ग्रुप में निवेशकों के विश्वास को हिला दिया है और शेयर की कीमतों को नीचे भेज दिया है। मगर अरबपति गौतम अडानी ने यह भी दावा किया कि समूह की व्यावसायिक योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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