Up kiran,Digital Desk : उत्तराखंड के लोगों के लिए एक बड़ी और चिंताजनक खबर है। अगर सब कुछ ठीक नहीं रहा, तो अगले साल से आपके घर का बिजली बिल काफी बढ़कर आ सकता है। ऊर्जा निगम (UPCL) ने बिजली की दरों में सीधे 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव नियामक आयोग को भेज दिया है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो गया, तो 1 अप्रैल 2025 से नई और महंगी दरें लागू हो जाएंगी।
क्यों बढ़ाई जा रही हैं कीमतें?
UPCL का कहना है कि पिछले 9 सालों में उनका खर्च काफी बढ़ गया है। इसी बढ़े हुए खर्च और लगभग 2000 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई के लिए उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है। निगम ने 2016 से लेकर अब तक हुए अपने खर्चों का हिसाब-किताब आयोग के सामने रखा है और इसी आधार पर दाम बढ़ाने की मांग की है।
हालांकि, यह आखिरी फैसला नहीं है। अब नियामक आयोग इस प्रस्ताव की जांच करेगा। इसके लिए आम लोगों से भी उनकी राय ली जाएगी, जिसके बाद ही तय होगा कि बिजली की दरें कितनी बढ़ेंगी।
अब सरकारी कर्मचारियों के लिए भी नई पॉलिसी
एक तरफ जहां बिजली महंगी होने की तैयारी है, वहीं दूसरी तरफ UPCL ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक नई तबादला नीति भी लागू कर दी है। इस नई पॉलिसी के तहत प्रदेश के इलाकों को 'सुगम' और 'दुर्गम' में बांटा गया है।
- ये हैं 'सुगम' इलाके: देहरादून (चकराता छोड़कर), हरिद्वार, उधमसिंह नगर, नैनीताल, हल्द्वानी, रामनगर, कोटद्वार, टनकपुर, और ऋषिकेश जैसे मैदानी और आसानी से पहुंचने वाले इलाके 'सुगम' घोषित किए गए हैं।
- ये हैं 'दुर्गम' इलाके: उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और पहाड़ के दूसरे मुश्किल इलाके 'दुर्गम' की श्रेणी में रखे गए हैं।
नए नियम के मुताबिक, अब हर बिजली अधिकारी और कर्मचारी को अपनी नौकरी के दौरान कम से कम 8 साल 'दुर्गम' इलाकों में सेवा देनी ही होगी।
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