
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) लगातार अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में बढ़ रहा है। आने वाले 15 सालों में ISRO कई बड़े और रोमांचक अंतरिक्ष मिशनों को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है, जिनका उद्देश्य न सिर्फ भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान में एक अग्रणी देश बनाना है, बल्कि दुनिया भर के लिए एक विश्वसनीय स्पेस पार्टनर के रूप में स्थापित करना भी है।
मानव मिशन 'गगनयान' की ओर कदम
सबसे चर्चित मिशनों में से एक है भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन 'गगनयान'। ISRO इस मिशन के लिए ज़ोर-शोर से तैयारी कर रहा है। उम्मीद है कि इसी साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में पहला मानवयुक्त मिशन भेजा जाएगा। इससे पहले, कई मानव रहित परीक्षण उड़ानें (जैसे 'व्योममित्र' रोबोटिक क्रू) की जाएंगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित रहें। इसमें क्रू एस्केप सिस्टम, ऑर्बिटल मॉड्यूल और अन्य महत्वपूर्ण तकनीकों का परीक्षण शामिल होगा।
चंद्रयान-4: चाँद पर एक और बड़ी छलांग
चंद्रयान-3 की शानदार सफलता के बाद, ISRO की नज़रें अब चंद्रयान-4 पर टिकी हैं। हालांकि इस मिशन के विस्तृत योजना की घोषणा अभी बाकी है, लेकिन यह निश्चित है कि यह मिशन चाँद के बारे में हमारी समझ को और गहरा करेगा। वैज्ञानिक प्रयोगों और संभवतः चाँद से नमूने वापस लाने जैसी गतिविधियां इस मिशन का हिस्सा हो सकती हैं।
15 साल में 100 से ज़्यादा सैटेलाइट लॉन्च करने का लक्ष्य:
ISRO अगले 15 सालों में 100 से भी ज़्यादा सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना बना रहा है। इनमें पृथ्वी अवलोकन (Earth Observation), संचार (Communication), नेविगेशन (Navigation) और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए सैटेलाइट्स शामिल होंगे। यह भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा।
अन्य महत्वपूर्ण मिशन:
मंगलयान-2 (Mangalyaan-2): मंगल ग्रह के अध्ययन के लिए यह अगला मिशन होगा, जो पहली मंगलयान की सफलता पर आधारित होगा।
शुक्रयान-1 (Shukrayaan-1): शुक्र ग्रह के वायुमंडल और सतह का अध्ययन करने के लिए यह मिशन भेजा जाएगा।
निसार (NISAR): यह नासा और ISRO का संयुक्त मिशन है, जो पृथ्वी के रडार इमेजिंग के लिए एक एडवांस्ड सैटेलाइट होगा।
LUPEX: जापान की एरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के साथ मिलकर चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र का पता लगाने के लिए यह मिशन चलाया जाएगा।
ISRO का यह भविष्य का रोडमैप दिखाता है कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में किस तरह तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। इन मिशनों के सफल होने पर भारत अंतरिक्ष महाशक्तियों की कतार में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल करेगा।
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