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Good News: महाराष्ट्र के किसानों के लिए केंद्र सरकार की फसल बीमा योजना एक अहम सहारा बन चुकी है। खासकर उन लोगों के लिए जिनकी फसलें पर्यावरण में आ रहे बदलावों के कारण खराब हो रही हैं। इस योजना के अंतर्गत फसलों का बीमा कराया जा सकता है, जिससे प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकती है।

एक श्रेयस तुकाराम ने अपनी पांच एकड़ प्याज की फसल का बीमा कराया था। नवंबर में राज्य में हुए चुनावों से ठीक पहले उन्हें फसल नुकसान के लिए 60,000 रुपए का मुआवजा मिला। तुकाराम ने बताया कि पिछले साल अप्रैल में अकारण बारिश ने उनकी तैयार फसल को बेकार कर दिया था। हालांकि, उन्हें मिला मुआवजा बुवाई की लागत की भरपाई के लिए पर्याप्त था। उन्होंने कहा कि फसल बीमा हमारे जैसे प्याज किसानों के लिए एक अच्छा सुरक्षा कवच है।

कृषि विभाग के अफसरों के मुताबिक, बीमा प्रीमियम की मामूली राशि (केवल 1 रुपये) इस वृद्धि का एक बड़ा कारण है। पहले प्रीमियम अधिक था, लेकिन जब इसे कम किया गया, तो किसानों ने तेजी से बीमा लेना शुरू किया। इसके साथ ही, जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश में अनिश्चितता और अत्यधिक बारिश की घटनाओं ने भी फसल बीमा योजना की स्वीकृति को बढ़ावा दिया है।