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डिजिटल ट्रांसफर के ज़रिए सरकार की योजनाएं अब ज़मीनी स्तर तक असर दिखा रही हैं। इसका ताजा उदाहरण है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त, जो सीधे 9.26 करोड़ किसानों के बैंक खातों में पहुंच चुकी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से इस किस्त को जारी कर देशभर के लाभार्थी किसानों को एक और आर्थिक सहारा दिया।
डिजिटल सुविधा से गांवों तक पहुंची मदद
एक वक्त था जब सरकारी योजनाओं की रकम का बड़ा हिस्सा बिचौलियों में बंट जाया करता था, लेकिन आज पीएम किसान योजना जैसे कार्यक्रम इस बात का प्रमाण हैं कि टेक्नोलॉजी के जरिए पारदर्शिता कैसे लाई जा सकती है। इस बार भी पात्र किसानों को 2,000 रुपये की सहायता डीबीटी यानी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर के ज़रिए मिली है। ये रकम तीन किस्तों में सालाना 6,000 रुपये के हिसाब से दी जाती है।
ई-केवाईसी: टेक्नोलॉजी के साथ किसान की भागीदारी
सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि सिर्फ सही और योग्य किसानों को ही इस योजना का लाभ मिले, ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। यानी अगर कोई किसान डिजिटल पहचान की यह प्रक्रिया पूरी नहीं करता है, तो उसे अगली किस्त मिलनी मुश्किल हो सकती है। ऐसे में किसानों के लिए जरूरी हो गया है कि वे अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) जाएं या वेबसाइट पर जाकर खुद यह प्रक्रिया पूरी करें।
अगर पैसे नहीं मिले, तो क्या करें किसान?
कई बार बैंकिंग सिस्टम में तकनीकी वजहों से पैसे आने में देरी हो सकती है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं। सबसे पहले किसान को यह जांच लेना चाहिए कि उनके दस्तावेज पूरे हैं या नहीं। इसके लिए वेबसाइट पर जाकर ‘बेनिफिशियरी स्टेटस’ चेक करना सबसे आसान तरीका है। वेबसाइट https://pmkisan.gov.in पर जाकर मोबाइल नंबर या पंजीकरण नंबर से जानकारी पाई जा सकती है।
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