Up Kiran, Digital Desk: सीएम योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में रविवार शाम लोकभवन में आयोजित एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में एसआईआर का विषय प्रमुख रहा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की 25-25 उन विधानसभा क्षेत्रों का विवरण सभी के सामने क्रमबद्ध तरीके से प्रस्तुत किया, जहां या तो सबसे अधिक वोट कटे हैं या फिर बहुत कम वोट कटे हैं। दोनों ही स्थितियों को चिंताजनक बताया गया। सबसे अधिक वोट कटने के मामले में गाजियाबाद की साहिबाबाद सीट प्रदेश में पहले स्थान पर है। इस सूची में दूसरे स्थान पर प्रयागराज की उत्तरी सीट है।
वर्ष 2025 की मतदाता सूची के अनुसार देखा जाए तो साहिबाबाद में अब तक केवल 58 प्रतिशत वोट ही बन पाए हैं। इसका मतलब है कि 42 प्रतिशत नाम सूची में नहीं हैं। जबकि प्रयागराज उत्तर में तुलनात्मक रूप से 40 प्रतिशत से अधिक नाम अभी भी सूची में शामिल नहीं हैं। इस सूची में लखनऊ की उत्तरी, पूर्वी और चार अन्य सीटें भी शामिल हैं। इसी तरह कानपुर, आगरा, बरेली, मेरठ, मथुरा जैसे बड़े शहरों की सीटें भी वोट कटने के मामले में टॉप-25 की सूची में शामिल हैं। ये वो सीटें हैं जहां 30-32 से लेकर 42 प्रतिशत तक वोट 2025 की मतदाता सूची में अब तक शामिल नहीं हुए हैं।
एसआईआर पर काम का मतलब दो तिहाई चुनाव निपट गए
आदित्यनाथ ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि भाजपा कार्यकर्ता एसआईआर का कार्य कर रहे हैं, लेकिन इसमें और तेजी लानी होगी। जितना अधिक एसआईआर पर काम किया जाएगा, उतना ही चुनाव की प्रक्रिया आसान होगी। उन्होंने ऐसी 25 सीटों की सूची भी सुनाई जहां 13-14 प्रतिशत तक वोट कटे हैं। इनमें अमरोहा, शिकारपुर, देवबंद, जलेसर, सिरसागंज, मथुरा-वृंदावन, सीतापुर, एटा की मारहरा, कानपुर की सिकंदरा, आंवला, जसराना, फूलपुर जैसी विधानसभा सीटें शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विधायक सोमवार को सदन में पूरी निष्ठा के साथ उपस्थित रहें। वंदेमातरम पर सदन में चर्चा होगी। बैठक में भाजपा के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी का स्वागत किया गया। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, महासचिव संगठन धर्मपाल सिंह, सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर, निषाद पार्टी प्रमुख डॉ. संजय निषाद, अपना दल (एस) के आशीष पटेल और संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना भी उपस्थित थे।
32 प्रतिशत से अधिक वोट कटने वाली सीटें
गाजियाबाद की साहिबाबाद-42 प्रतिशत, प्रयागराज उत्तर-40.9 प्रतिशत, लखनऊ उत्तर-39, लखनऊ ईस्ट-35, कैंट-37 प्रतिशत, सरोजनी नगर-32 प्रतिशत, कानपुर कैंट-34 प्रतिशत, कल्याणपुर-34 प्रतिशत, कानपुर दक्षिण-34 प्रतिशत, आर्य नगर-33 प्रतिशत, आगरा छावनी-35 प्रतिशत, आगरा दक्षिण-33 प्रतिशत, आगरा उत्तर-33 प्रतिशत, बरेली-34, बरेली कैंट-35, मेरठ-34 प्रतिशत, गाजियाबाद-34, मथुरा-वृंदावन-34 प्रतिशत।
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