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Up Kiran, Digital Desk: अब राजस्थान में ओला, उबर और इनड्राइवर जैसी टैक्सी सेवाओं के लिए मनमाने दर वसूलना या यात्रियों की सुरक्षा से समझौता करना मुश्किल होगा। राज्य परिवहन विभाग ने 'राजस्थान मोटर व्हीकल एग्रीगेटर रूल्स 2025' का मसौदा पेश किया है। इस नए दिशा-निर्देश का मुख्य उद्देश्य यात्रियों के अधिकारों का संरक्षण और चालकों की आय को सुनिश्चित करना है।

नई नीति की 5 महत्वपूर्ण बातें

राजस्थान सरकार ने टैक्सी कंपनियों पर सख्त नियंत्रण लगाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम बनाए हैं:

किराया निर्धारित करेगी सरकार
अब टैक्सी कंपनियां अपनी इच्छा से किराया नहीं बढ़ा सकेंगी। किराए की ऊपरी और निचली सीमा सरकार द्वारा तय की जाएगी।

राइड रद्द करने पर रोक
अक्सर ड्राइवर या यात्री द्वारा यात्रा रद्द करने पर भारी शुल्क लिया जाता है। नए नियमों के तहत, रद्द करने का शुल्क कुल किराए का 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकता।

चालकों को मिलेगा 80% हिस्सा
चालकों के लाभ को ध्यान में रखते हुए सरकार ने निर्धारित किया है कि कुल किराए का कम से कम 80 प्रतिशत ड्राइवर को मिलेगा, जबकि कंपनी केवल 20 प्रतिशत कमीशन ही ले सकेगी।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष विकल्प
सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए नई नीति में महिला यात्रियों को महिला ड्राइवर चुनने का विकल्प दिया गया है। इसके साथ ही यात्री अपनी लाइव लोकेशन भी शेयर कर सकेंगे और कंपनियों को 24 घंटे उपलब्ध नियंत्रण कक्ष बनाए रखने होंगे।

कार्यालय और लाइसेंस अनिवार्य
अब इन कंपनियों को राजस्थान में अपना कार्यालय खोलना होगा। बिना लाइसेंस के वाहन चलाना गैरकानूनी होगा। लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कंपनियों को 10 से 50 लाख रुपये तक की सुरक्षा राशि जमा करनी होगी।

नियमों का उल्लंघन करने पर सजा
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इन नियमों का उल्लंघन करना महंगा पड़ सकता है:

निलंबन: पहली गलती पर कंपनी का लाइसेंस 3 महीने के लिए निलंबित हो सकता है।

रद्दीकरण: तीन बार निलंबन या गंभीर अपराध की स्थिति में कंपनी का लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर दिया जाएगा।