Up kiran,Digital Desk : भारत और अफगानिस्तान के बीच स्वास्थ्य सहयोग को लेकर एक अहम पहल सामने आई है। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को जानकारी दी कि अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री मौलवी नूर जलाल जलाली ने नई दिल्ली में विदेश मामलों के राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह से मुलाकात की। इस बैठक में अफगानिस्तान में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने से जुड़े कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने स्वास्थ्य क्षेत्र की मौजूदा विकास परियोजनाओं की समीक्षा की। इसके साथ ही भारत और अफगानिस्तान के बीच स्वास्थ्य पर एक संयुक्त कार्य समूह बनाने, अफगानिस्तान में कैंसर उपचार सुविधाएं स्थापित करने और अफगान डॉक्टरों के प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण जैसे विषयों पर सहमति जताई गई।
अफगान स्वास्थ्य मंत्री मौलवी नूर जलाल जलाली 16 से 21 दिसंबर तक भारत के दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित पारंपरिक चिकित्सा पर दूसरे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) वैश्विक शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लिया। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से भी द्विपक्षीय बातचीत की।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता और स्वास्थ्य सहयोग जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। खासतौर पर दवाओं की दीर्घकालिक आपूर्ति को लेकर भारत ने स्पष्ट रुख रखा है, ताकि अफगान लोगों को लगातार जरूरी चिकित्सा सुविधाएं मिलती रहें।
इस दौरान कैंसर की दवाओं और टीकों का एक प्रतीकात्मक हस्तांतरण भी किया गया, जो अफगान जनता के प्रति भारत के निरंतर समर्थन को दर्शाता है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि अफगानिस्तान की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए दवाओं, टीकों और 128-स्लाइस सीटी स्कैनर की एक बड़ी खेप भेजी जा रही है।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि अफगानिस्तान में कैंसर के इलाज की सुविधाएं विकसित करने के लिए भारत विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम भेजेगा। साथ ही, अफगान डॉक्टरों के लिए प्रशिक्षण और स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे, ताकि वहां की स्वास्थ्य प्रणाली को दीर्घकालिक रूप से मजबूत किया जा सके।
इसके अलावा, अफगान स्वास्थ्य मंत्री ने आयुष मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव से भी मुलाकात की। इस बैठक में पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में शिक्षा, अनुसंधान और नियमन से जुड़े अनुभव साझा करने और सहयोग बढ़ाने पर बातचीत हुई। दोनों पक्षों ने माना कि इससे अफगानिस्तान की स्वास्थ्य व्यवस्था को नई दिशा मिल सकती है।
कुल मिलाकर, यह दौरा भारत और अफगानिस्तान के बीच स्वास्थ्य सहयोग को नई मजबूती देने वाला माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब अफगान जनता को बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं की सख्त जरूरत है।



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