Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में हमारे देश के निर्यात सेक्टर से एक बहुत ही अच्छी खबर सामने आई है, जिसने पूरे उद्योग जगत में खुशी की लहर दौड़ा दी है. केंद्र सरकार ने कुछ नए और बेहतर नीतिगत उपाय पेश किए हैं, जिनका मकसद भारत के निर्यात इकोसिस्टम (तंत्र) को और ज्यादा मजबूत बनाना है. इन नए कदमों का उद्योग ने दिल खोलकर स्वागत किया है, उनका मानना है कि ये फैसले भारत को वैश्विक व्यापार के मानचित्र पर और भी ऊँचा उठाएंगे.
क्या है यह नया कदम और क्यों है इतना महत्वपूर्ण?
दरअसल, भारत सरकार लगातार देश के व्यापार को बढ़ाने और हमारे उत्पादों को दुनिया भर में पहुँचाने के लिए काम कर रही है. नए नीतिगत उपाय इसी दिशा में उठाए गए एक बड़े कदम हैं. इनका मुख्य लक्ष्य है, भारतीय निर्यातकों के सामने आने वाली बाधाओं को दूर करना, उन्हें नए बाज़ारों तक पहुँचने में मदद करना, और व्यापार करने को और आसान बनाना.
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि इन नई नीतियों से:
व्यापार करना आसान होगा: कागज़ी कार्यवाही कम होगी और प्रक्रियाएँ ज़्यादा पारदर्शी बनेंगी, जिससे छोटे और बड़े दोनों तरह के निर्यातकों को फायदा होगा. नए बाज़ार खुलेंगे: सरकार नए देशों के साथ व्यापार समझौते कर रही है, जिससे भारतीय उत्पाद और ज़्यादा जगहों पर पहुँच पाएँगे. प्रोत्साहन मिलेगा: कुछ ऐसे फायदे दिए जाएंगे, जिनसे कंपनियों को निर्यात करने के लिए और प्रोत्साहन मिलेगा, खासकर उन कंपनियों को जो नए इनोवेशन (नवाचार) कर रही हैं. रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे: जब निर्यात बढ़ेगा, तो देश में उत्पादन भी बढ़ेगा, जिससे नए रोज़गार पैदा होंगे.उद्योग के दिग्गजों ने इन बदलावों पर अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि ये कदम भारतीय निर्यात को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे और "मेक इन इंडिया" पहल को भी मजबूत करेंगे. यह एक ऐसा कदम है जिससे न केवल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारत दुनिया के लिए एक बड़ा सप्लायर भी बन सकेगा. उम्मीद है कि इन नई नीतियों से हमारे देश के उत्पादों को वैश्विक मंच पर और भी ज्यादा पहचान मिलेगी और हमारा निर्यात का ग्राफ लगातार बढ़ता रहेगा.
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