
Up Kiran, Digital Desk: केंद्र सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए नियमों को और सख्त और स्पष्ट कर दिया है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांग व्यक्ति अधिकारिता विभाग (DEPwD) ने स्क्राइब (Scribe) यानी लिखने में मदद करने वाले व्यक्ति और अतिरिक्त समय (Compensatory Time) जैसी सुविधाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
क्यों बदले गए नियम: यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि इन सुविधाओं का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिले जो वास्तव में इसके हकदार हैं, और परीक्षा प्रक्रिया में पूरी तरह से पारदर्शिता बनी रहे।
क्या हैं नए प्रमुख नियम?
अब सिर्फ सरकारी डॉक्टर का सर्टिफिकेट मान्य: अब किसी दिव्यांग उम्मीदवार को स्क्राइब की सुविधा या अतिरिक्त समय चाहिए, तो उन्हें एक मुख्य चिकित्सा अधिकारी (Chief Medical Officer) या एक सिविल सर्जन या एक सरकारी मेडिकल कॉलेज के संबंधित विभाग के प्रमुख द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र दिखाना होगा। निजी डॉक्टरों द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र अब मान्य नहीं होंगे।
अचानक बीमारी के लिए भी नियम: अगर कोई दिव्यांग उम्मीदवार परीक्षा से ठीक पहले अचानक बीमार पड़ जाता है और उसे स्क्राइब की जरूरत पड़ती है, तो भी उसे एक सरकारी अस्पताल के विशेषज्ञ द्वारा प्रमाणित कराना होगा।
एजुकेशन क्वालिफिकेशन की जांच: अब स्क्राइब की शैक्षणिक योग्यता उम्मीदवार की योग्यता से एक स्तर नीचे होनी चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि उम्मीदवार ग्रेजुएट है, तो स्क्राइब 12वीं पास होना चाहिए। परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था अब स्क्राइब के एजुकेशनल सर्टिफिकेट की भी जांच करेगी।
स्क्राइब और उम्मीदवार के बीच कोई संबंध नहीं: नया नियम यह भी कहता है कि स्क्राइब उम्मीदवार का करीबी रिश्तेदार या दोस्त नहीं होना चाहिए ताकि किसी भी तरह की अनुचित सहायता की संभावना को खत्म किया जा सके।
सरकार का कहना है कि इन नए नियमों का उद्देश्य परीक्षा प्रणाली को सभी के लिए निष्पक्ष बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी इन सुविधाओं का गलत फायदा न उठा सके।
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