government school: उप्र शिक्षा विभाग राज्य भर में लगभग 27,000 प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की तैयारी कर रहा है। ये फैसला शैक्षिक संसाधनों को सुव्यवस्थित करने की पहल के तहत लिया गया है, खासकर 50 से कम छात्रों के नामांकन वाले विद्यालयों को टारगेट करके।
शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने हाल ही में 23 अक्टूबर को एक समीक्षा मीटिंग की, जिसके दौरान उन्होंने सभी ब्लॉक स्कूल प्रशासकों (बीएसए) को इन खराब प्रदर्शन करने वाले संस्थानों के विलय का आकलन करने और तैयारी करने का निर्देश दिया। इसका मुख्य मकसद कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को अधिक नामांकन वाले नजदीकी स्कूलों में एकीकृत करके संसाधनों को समेकित करना है।
मौजूदा वक्त में उत्तर प्रदेश में कुल 27,764 बेसिक स्कूल हैं, जिनमें 50 से कम छात्र पढ़ने आते हैं। एकीकरण योजना के तहत इन स्कूलों के छात्रों को उनकी निरंतर शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए निकटवर्ती सुविधाओं में समायोजित किया जाएगा। बीएसए को इन स्कूलों के विलय के संबंध में 14 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।
समीक्षा बैठक में स्कूलों को ज्यादा व्यावहारिक और कुशल बनाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया। शिक्षा अफसरों को एक रूपरेखा विकसित करने का काम सौंपा गया है, जिसके तहत ये निर्धारित किया जाएगा कि परिवहन, छात्रों की पहुंच और नहरों और राजमार्गों जैसे भौगोलिक विचारों सहित अलग अलग कारकों के आधार पर किन स्कूलों का विलय किया जा सकता है।
आपको बता दें हर स्कूल को अपनी स्थिति का विवरण देते हुए एक पृष्ठ की टिप्पणी देनी होगी और सभी प्रभावित स्कूलों की सूची वाली एक व्यापक पुस्तिका जिला समीक्षा के लिए संकलित की जाएगी।
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