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business news: सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी बढ़ाए जाने की संभावना है। तंबाकू उत्पादों पर क्षतिपूर्ति उपकर हटाए जाने के बाद अब ये कदम उठाया जा सकता है। वर्तमान में भारत में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर 28 प्रतिशत जीएसटी, क्षतिपूर्ति उपकर और अन्य कर लगाए जाते हैं। इससे तंबाकू उत्पादों पर कुल अप्रत्यक्ष कर का बोझ 53 प्रतिशत हो गया है। विशेष चर्चा के माध्यम से तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी को अधिकतम 40 प्रतिशत तक बढ़ाने तथा अलग से उत्पाद शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा गया है।
तंबाकू उत्पादों से प्राप्त राजस्व को बनाए रखने के लिए 40 प्रतिशत जीएसटी लगाने पर विचार किया जा रहा है। मगर इस पर अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद ही ले सकती है। तंबाकू उत्पादों को 'पाप वस्तुओं' की श्रेणी में रखा गया है। इस पर कई तरह के कर लगाए जाते हैं। इसमें जीएसटी के अलावा उत्पाद शुल्क, क्षतिपूर्ति उपकर, एनसीसीडी शामिल हैं।
भारत सरकार हर साल तंबाकू उत्पादों से हजारों करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करती है। वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार को तंबाकू उत्पादों की बिक्री से कुल 72,788 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। तंबाकू उत्पादों में सिगरेट के अलावा पान मसाला आदि भी शामिल हैं। इस खबर के बाद गुरुवार को तंबाकू कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। प्रमुख तंबाकू कंपनी आईटीसी के शेयरों में लगभग 2 प्रतिशत की गिरावट आई तथा ग्रैंडफ्रे फिलिप्स के शेयरों में कारोबार के दौरान 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई।