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Up Kiran, Digital Desk: टेक्नोलॉजी की दुनिया में मेटा प्लेटफॉर्म्स (Meta Platforms) ने एक बड़ा और महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने घोषणा की है कि मेटा अब 'सुपरइंटेलिजेंट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' (Superintelligent AI) बनाने के मिशन पर काम करेगा। इसका मतलब है ऐसा AI जो इंसानों के बराबर या उनसे बेहतर सोचने और समझने की क्षमता रखे।

जुकरबर्ग ने बताया कि यह कोई छोटा प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि एक बहुत ही बड़ा और दीर्घकालिक लक्ष्य है। उन्होंने साफ किया कि वो इस मिशन को व्यक्तिगत रूप से लीड कर रहे हैं और कंपनी के सभी AI प्रयासों को एक साथ ला रहे हैं। उनका विजन है कि यह सुपरइंटेलिजेंट AI सिर्फ अगले प्रोडक्ट लॉन्च करने के लिए नहीं, बल्कि 'भविष्य के निर्माण' (building the future) के लिए होगा।

मेटा का लक्ष्य इस सुपरइंटेलिजेंट AI को अपने सभी प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक (Facebook), इंस्टाग्राम (Instagram), व्हाट्सएप (WhatsApp) और रियलिटी लैब्स (Reality Labs) में गहराई से इंटीग्रेट करना है ताकि यूजर्स को कहीं बेहतर और पर्सनलाइज्ड अनुभव मिल सके।

इस विशाल लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेटा बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है। कंपनी हाई-एंड कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है, जिसमें हजारों की संख्या में शक्तिशाली ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPUs) शामिल होंगे। जुकरबर्ग ने बताया कि वे माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के साथ मिलकर डेटा सेंटर क्षमता बढ़ा रहे हैं। साथ ही, मेटा अपने ओपन-सोर्स लार्ज लैंग्वेज मॉडल, 'लामा' (Llama) के अगले संस्करणों को विकसित करने पर भी काम कर रहा है, जो इस सुपरइंटेलिजेंस की नींव बनेंगे।

मार्क जुकरबर्ग का यह ऐलान दिखाता है कि मेटा AI की रेस में खुद को सबसे आगे रखने के लिए कितना गंभीर है और एक बेहद महत्वाकांक्षी भविष्य की ओर बढ़ रहा है। यह कदम AI डेवलपमेंट की दुनिया में मेटा की स्थिति को मजबूत करने का एक स्पष्ट संकेत है।

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