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Up Kiran, Digital Desk: महाराष्ट्र में एक ऐतिहासिक और संवेदनशील कदम उठाया गया है—ध्वनि प्रदूषण से लड़ाई अब नारेबाज़ी से नहीं, नीति और संतुलन से लड़ी जा रही है। सीएम देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने धार्मिक स्थलों से कुल 3,367 लाउडस्पीकर हटाकर यह संदेश दिया है कि आस्था की आवाज़ भी मर्यादा में होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह जानकारी विधानसभा में साझा करते हुए स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई किसी विशेष धर्म या समुदाय को लक्ष्य बनाकर नहीं, बल्कि राज्य की ध्वनि मर्यादा नीति के तहत निष्पक्ष रूप से की गई है। मुंबई पुलिस ने अकेले महानगर क्षेत्र से 1,608 लाउडस्पीकर हटाए हैं—वह भी बिना किसी धार्मिक या सांप्रदायिक तनाव के। यह प्रशासन की संयमित और संवादपरक कार्यशैली का प्रमाण है।

सीएम फडणवीस ने यह भी स्पष्ट किया कि अब मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में किसी भी पूजा स्थल पर बिना सरकारी अनुमति के लाउडस्पीकर दोबारा नहीं लगाए जा सकेंगे। यदि ऐसा किया गया तो संबंधित पुलिस स्टेशन के अधिकारी को जवाबदेह ठहराया जाएगा। यह सख़्त निर्देश प्रशासनिक जवाबदेही की एक नई परिभाषा गढ़ता है।

राज्य सरकार का यह निर्णय न केवल ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में एक ठोस पहल है, बल्कि यह समाज में समरसता बनाए रखने का भी एक साहसिक प्रयास है। महाराष्ट्र में हर धर्म और हर आस्था को समान दृष्टि से देखने की जो मिसाल इस कदम ने पेश की है, वह अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय बन सकती है।

 

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