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Up Kiran, Digital Desk: देश के छोटे, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को सशक्त बनाने और निर्यात को ज़बरदस्त बढ़ावा देने के लिए सरकार एक बड़ा कदम उठा रही है। पूरे भारत में ई-कॉमर्स निर्यात हब स्थापित करने पर सक्रिय रूप से काम किया जा रहा है, जिससे ये उद्योग वैश्विक बाज़ार में अपनी पहचान बना सकें।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री, पीयूष गोयल के नेतृत्व में, इस पहल का उद्देश्य MSMEs को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सीधे वैश्विक मूल्य श्रृंखला से जोड़ना है। यह उन्हें विश्व स्तर पर अपने उत्पादों को बेचने का एक आसान और प्रभावी तरीका प्रदान करेगा।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) जल्द ही एक व्यापक ई-कॉमर्स निर्यात नीति जारी करने वाला है। यह नई नीति MSMEs के लिए निर्यात से जुड़े नियमों को सरल बनाएगी, लॉजिस्टिक्स (परिवहन और वितरण) को सुव्यवस्थित करेगी और सीमा पार ई-कॉमर्स की जटिलताओं से निपटने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। यानी, अब छोटे व्यवसायों के लिए विदेशी बाज़ार में कदम रखना और भी आसान हो जाएगा।

सरकार का महत्वाकांक्षी लक्ष्य 2030 तक $1 ट्रिलियन (लगभग 83 लाख करोड़ रुपये) का वस्तु निर्यात हासिल करना है, और ई-कॉमर्स को इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण इंजन के रूप में देखा जा रहा है। ये निर्यात हब छोटे व्यवसायों को प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और सीधे अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन बाज़ारों तक पहुंच प्रदान करके महत्वपूर्ण सुविधादाता के रूप में कार्य करेंगे।

डिजिटल अर्थव्यवस्था की शक्ति का लाभ उठाकर, भारत का लक्ष्य अपने MSME क्षेत्र की अपार निर्यात क्षमता को पूरी तरह से उजागर करना है। इससे पूरे देश में आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा, जिससे भारत एक वैश्विक व्यापार शक्ति के रूप में और मज़बूत होगा।

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