Up kiran,Digital Desk : सर्दियों का मौसम आते ही रसोई में तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनने लगते हैं। इस मौसम में ताज़ी मूली और गाजर की बहुतायत होती है, और इन्हें सिर्फ सब्ज़ी या पराठे में इस्तेमाल करना ही काफी नहीं। इनका ज़ायका बढ़ाने का एक और शानदार तरीका है - घर पर बना पारंपरिक मूली-गाजर का अचार! यह न केवल आपके खाने का स्वाद दोगुना कर देता है, बल्कि सर्द मौसम में रंगत भी भर देता है।
अक्सर शिकायत रहती है कि घर का बना अचार जल्दी खराब हो जाता है, पानी छोड़ देता है, या ज़्यादा समय तक ताज़ा नहीं रहता। लेकिन, अपनी नानी-दादी की पारंपरिक विधि को अपनाकर आप एक ऐसा स्वादिष्ट और लंबे समय तक चलने वाला मूली-गाजर का अचार बना सकती हैं, जिसका स्वाद लाजवाब होगा और यह महीनों तक ताज़ा रहेगा।
सामग्री
- गाजर - 500 ग्राम (लंबी कटी हुई)
- मूली - 500 ग्राम (पतली लंबी कटी)
- हरी मिर्च - 8-10 (लंबी कटी)
- अदरक - 100 ग्राम (लंबी कटी)
- सरसों का तेल - 1 कप
- राई (पिसी हुई) - 3 बड़े चम्मच
- मेथी दाना - 1 बड़ा चम्मच
- हल्दी पाउडर - 1 बड़ा चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर - 2 बड़े चम्मच
- नमक - स्वादानुसार
- सिरका (Vinegar) - 3-4 बड़े चम्मच
स्वादिष्ट और लंबे समय तक चलने वाला मूली-गाजर का अचार बनाने की विधि
- सब्ज़ियां सुखाएं (यह सबसे ज़रूरी है): अचार बनाने के लिए पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है सब्ज़ियों को अच्छे से धोकर सुखाना। कटी हुई गाजर और मूली को एक साफ कपड़े पर फैलाकर 2-3 घंटे के लिए धूप में या हवा में सुखाएं। जितनी कम नमी (moisture) होगी, अचार उतने ही लंबे समय तक चलेगा। यह वही पारंपरिक तरीका है जो हमारी दादी-नानी हमेशा अपनाती थीं।
- मसालों का देसी तड़का तैयार करें: मेथी दाना को हल्का सा भून लें और फिर उसे दरदरा पीस लें। एक बर्तन में पिसी हुई राई, हल्दी पाउडर और लाल मिर्च पाउडर मिलाएं।
- सरसों के तेल का सही इस्तेमाल: सरसों के तेल को तेज आंच पर तब तक गर्म करें जब तक कि उसमें से धुआं न निकलने लगे। फिर आंच बंद करके तेल को थोड़ा ठंडा होने दें। जब तेल गुनगुना रह जाए, तो इसे तैयार किए हुए मसालों में डालें। यही तेल अचार को उसका खास तीखापन, गर्माहट और पारंपरिक खुशबू देता है।
- सब्जियों में मसाला मिलाएं: सूखी हुई गाजर, मूली, अदरक और हरी मिर्च को एक बड़े बर्तन में लें। अब तैयार किया हुआ मसालेदार तेल धीरे-धीरे इसमें डालें और अच्छी तरह मिलाएं, ताकि हर टुकड़ा मसाले में ठीक से लिपट जाए।
- सिरका डालना न भूलें: सिरका एक प्राकृतिक प्रिजर्वेटिव (preservative) का काम करता है। यह अचार को खराब होने से बचाता है और उसके स्वाद को लंबे समय तक बनाए रखता है। लंबे समय तक अचार को ताजा रखने के लिए सिरका का उपयोग बेहद आवश्यक है।
- सही से स्टोर करें: अचार को एक साफ, सूखे कांच के जार में भरें। जार को 2-3 दिन तक धूप में रखें। रोज़ाना जार को हल्का सा हिलाएं ताकि तेल और मसाला अच्छी तरह से फैल जाए। इस पारंपरिक तरीके से तैयार किया गया अचार 3 से 4 महीने तक बिल्कुल ताजा और स्वादिष्ट बना रहेगा।
इस विधि से बना मूली-गाजर का अचार आपकी सर्दियों की थाली का स्वाद बढ़ाने के लिए एकदम सही है!

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