
भोपाल। राजधानी के वीवीआईपी क्षेत्र 1250 क्वार्टर इलाके में एक सरकारी आवास के परिसर में कब्रनुमा दो मजारें मिलने से विवाद खड़ा हो गया है। इस क्षेत्र में अधिकतर सरकारी कर्मचारी और अधिकारी रहते हैं। मामले ने उस वक्त तूल पकड़ा जब कुछ हिंदू संगठनों ने इसे 'लैंड जिहाद' से जोड़ते हुए प्रशासन से कार्रवाई की मांग की।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मजारें वर्षों से वहां मौजूद हैं। वहीं कुछ लोगों का दावा है कि यह मकान पूर्व में एक मुस्लिम कर्मचारी को आवंटित किया गया था, जिसके समय में ये मजारें बनीं। इसके उलट हिंदू संगठनों का आरोप है कि यह धार्मिक ढांचा हाल ही में खड़ा किया गया है, जो नियमों का उल्लंघन है। शिकायत मिलने के बाद प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।
प्रशासन के सामने अब यह बड़ा सवाल है कि क्या सरकारी आवास में किसी प्रकार का धार्मिक निर्माण कार्य नियमों के तहत हो सकता है? यदि मजारें पुरानी हैं, तो सरकारी निर्माण इनके आसपास कैसे हुआ? और यदि हाल ही में बनाई गई हैं, तो संबंधित विभागों को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई?
मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार भी हरकत में आ गई है। प्रदेश के मंत्री कैलाश सारंगी ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि यह गंभीर विषय है और प्रशासन को जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकारी जमीन पर धार्मिक ढांचा बनाया गया है, तो यह सरासर अनुचित है और इसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
फिलहाल प्रशासनिक स्तर पर जांच जारी है और एसडीएम स्तर पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। मंत्री सारंगी ने यह भी भरोसा दिलाया कि सच्चाई को सामने लाया जाएगा और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।