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Up Kiran, Digital Desk: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने राज्य के युवाओं को बेरोजगारी की समस्या से राहत देने के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है. अब प्रदेश के सभी जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCBs) में 70% नौकरियां उसी जिले के स्थानीय निवासियों के लिए आरक्षित होंगी. इस फैसले से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और युवाओं को नौकरी के लिए अपने घर से दूर नहीं जाना पड़ेगा.

क्या है सरकार का यह नया नियम?

राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस फैसले के अनुसार, जिला सहकारी बैंकों में उन सभी पदों पर 70 प्रतिशत आरक्षण लागू होगा, जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपये तक है.

किसे माना जाएगा स्थानीय निवासी?

सरकार ने 'स्थानीय' की परिभाषा भी स्पष्ट कर दी है, ताकि इसे लेकर कोई भ्रम न रहे.

क्यों लिया गया यह फैसला?

यह फैसला लंबे समय से की जा रही एक मांग का नतीजा है. अक्सर यह देखा जाता था कि जिला स्तर की नौकरियों में दूसरे जिलों या राज्यों के लोग बाजी मार ले जाते थे, जिससे स्थानीय युवा नौकरी पाने से वंचित रह जाते थे. सरकार का मानना है कि इस कदम से:

इस नियम को कानूनी रूप देने के लिए सरकार ने 64 साल पुराने महाराष्ट्र सहकारी समिति अधिनियम, 1960 में भी संशोधन किया है. यह फैसला महाराष्ट्र के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है.