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Up Kiran, Digital Desk:  हज 2026 की तैयारियों को लेकर भारत और सऊदी अरब ने एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत अगले साल भारत से 1,75,025 जायरीन (तीर्थयात्री) हज यात्रा पर जा सकेंगे। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जेद्दा में सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्री डॉ. तौफीक बिन फौजान अल-रबिया के साथ इस द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए।

इस दौरान दोनों मंत्रियों के बीच हज यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने पर खास चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि दोनों देशों का साझा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी हज यात्रियों की यात्रा सुरक्षित, आरामदायक और आध्यात्मिक रूप से सफल हो।

समझौते में किन बातों पर दिया गया जोर?

यह समझौता सिर्फ हज कोटे तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका मुख्य फोकस यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाना है। बैठक के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें शामिल हैं:

आसान और आरामदायक परिवहन: यात्रियों के लिए आने-जाने की सुविधाओं को और बेहतर बनाया जाएगा ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो।

बेहतर आवास व्यवस्था: हज यात्रियों के ठहरने के लिए अच्छी और सुविधाजनक व्यवस्था पर जोर दिया गया।

स्वास्थ्य सुविधाएं: यात्रा के दौरान किसी भी तरह की मेडिकल इमरजेंसी के लिए उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जाएंगी।

लॉजिस्टिक्स में सुधार: दोनों देशों के बीच समन्वय और लॉजिस्टिक्स को और मजबूत करने पर सहमति बनी, ताकि पूरी प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाया जा सके।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अपनी सऊदी अरब यात्रा के दौरान जेद्दा और तैफ में हज और उमरा से जुड़े अहम स्थलों का दौरा भी किया। उन्होंने वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर और यात्रियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों के साथ भी बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की और सऊदी अधिकारियों के साथ उनके बेहतरीन समन्वय की सराहना की।

यह समझौता भारत और सऊदी अरब के बीच बढ़ते सहयोग और मजबूत रिश्तों को दर्शाता है, जिसका सीधा फायदा हज पर जाने वाले लाखों भारतीय जायरीनों को मिलेगा।