Up kiran,Digital Desk : क्या आप भी आजकल हर वक्त थका-थका महसूस करते हैं? क्या हाथ-पैरों में झुनझुनी, जोड़ों में दर्द या याददाश्त की कमजोरी जैसी समस्याएं आम हो गई हैं? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आज 10 में से 8 भारतीय विटामिन B12 और विटामिन D की कमी से जूझ रहे हैं, और अक्सर इन लक्षणों को बढ़ती उम्र या सामान्य थकान समझकर नजरअंदाज कर देते हैं।
खासकर सर्दियों में, जब धूप कम मिलती है, तो यह समस्या और भी बढ़ जाती है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस कमी को दूर करने का एक चमत्कारी और देसी उपाय आपके किचन में ही छिपा है, और वह है एक खास तरह की "खमीरी रोटी"।
यह कोई मामूली रोटी नहीं, सेहत का खजाना है!
न्यूट्रिशनिस्ट और डाइट एक्सपर्ट संदीप गुप्ता के अनुसार, अगर आप विटामिन B12 और विटामिन D की कमी को प्राकृतिक तरीके से पूरा करना चाहते हैं, तो यह फर्मेंटेड यानी खमीरी रोटी आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। गेहूं के आटे में सिर्फ दो हरी सब्जियां और दही मिलाकर इसे बनाया जाता ਹੈ, जो इसे एक "हेल्थ-बूस्टर" बना देती है।
कैसे बनाएं यह 'जादुई' रोटी?
- पेस्ट बनाएं: सबसे पहले थोड़ी सी पालक और लौकी को अच्छी तरह धोकर मिक्सर में पीसकर एक स्मूथ पेस्ट तैयार कर लें।
- आटा गूंथें: अब गेहूं के आटे में यह पालक-लौकी का पेस्ट, दो बड़े चम्मच दही और स्वादानुसार नमक मिलाएं। जरूरत के हिसाब से हल्का पानी डालकर इसे अच्छी तरह गूंथ लें।
- रात भर फर्मेंट करें: इस गुंथे हुए आटे को किसी बर्तन में ढककर रात भर के लिए बाहर ही छोड़ दें, ताकि यह प्राकृतिक रूप से फर्मेंट (खमीर उठना) हो सके।
- सुबह बनाएं रोटियां: सुबह तक आपका आटा हल्का फूल चुका होगा। इसे एक बार फिर हल्के हाथ से गूंथें और फिर इसकी गरमागरम रोटियां बनाकर खाएं।
कैसे करती है यह रोटी काम?
अब सवाल यह उठता है कि एक रोटी भला विटामिन B12 और D की कमी को कैसे पूरा कर सकती ਹੈ? इसका जवाब फर्मेंटेशन की प्रक्रिया में छिपा ਹੈ।
- विटामिन B12 का कनेक्शन: जब दही वाला यह आटा रात भर फर्मेंट होता है, तो इसमें मौजूद अच्छे बैक्टीरिया (Good Bacteria) कई गुना बढ़ जाते हैं। यही अच्छे बैक्टीरिया हमारी आंतों में जाकर प्राकृतिक रूप से विटामिन B12 बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- विटामिन D और पेट की सेहत: यह खमीरी रोटी आपके पेट (Gut Health) के लिए एक सुपरफूड है। फर्मेंटेशन से इसमें लाइव एंजाइम पैदा होते हैं, जो पाचन को बेहतर बनाते हैं और पोषक तत्वों के अवशोषण (Absorption) को बढ़ाते हैं। जब आपका पेट स्वस्थ होता ਹੈ, तो वह सूरज की रोशनी और भोजन से मिलने वाले विटामिन D को भी बेहतर तरीके से सोख पाता ਹੈ।
संक्षेप में, यह रोटी न सिर्फ स्वादिष्ट और पौष्टिक है, बल्कि यह आपके शरीर में उन जरूरी विटामिन्स को बनाने और सोखने में मदद करती है, जिनकी कमी आज सबसे आम हो चुकी ਹੈ।
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