Up Kiran, Digital Desk: हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है। यह भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में पहला मौका था जब टीम ने विश्व चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया। अतीत में, हम जब भी किसी आईसीसी ट्रॉफी की ओर बढ़े, तो किसी न किसी कारणवश फिसलते गए थे, लेकिन अब उस सूखे का अंत हुआ है। हालांकि, इस जीत के जश्न के बीच, पूर्व भारतीय कप्तान शांता रंगास्वामी ने एक चौंकाने वाली राय दी है – उनके मुताबिक, हरमनप्रीत कौर को अब कप्तानी छोड़ देनी चाहिए और यह जिम्मेदारी स्मृति मंधाना को सौंपनी चाहिए।
क्या हरमनप्रीत का कप्तान के रूप में भविष्य संकट में है?
यह वही सवाल है जो भारतीय क्रिकेट के पुरुष टीम के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा के संदर्भ में उभर कर आता है। जब रोहित शर्मा ने 2023 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा किया, तो शायद किसी ने नहीं सोचा था कि कुछ ही महीनों बाद उन्हें वनडे क्रिकेट की कप्तानी से हटा दिया जाएगा। रोहित ने इस दौरान बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया और प्लेयर ऑफ द सीरीज भी बने। हालांकि, उनकी उम्र को ध्यान में रखते हुए और आगे के लंबे क्रिकेट के लिए रणनीति बनाते हुए, उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया। हरमनप्रीत कौर भी अब 36 साल की हो चुकी हैं, और रंगास्वामी के मुताबिक, यह समय है कि वह अपनी कप्तानी से पीछे हटें और अपनी बैटिंग पर ध्यान केंद्रित करें।
रंगास्वामी का सुझाव: कप्तानी में बदलाव का समय आ गया है
शांता रंगास्वामी, जिन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट को बहुत कुछ दिया है, उनका मानना है कि कप्तानी में बदलाव की अब जरूरत है। उनका कहना है कि हरमनप्रीत कौर एक बेहतरीन बल्लेबाज और फील्डर हैं, लेकिन कभी-कभी रणनीतिक दृष्टिकोण से वह कमजोर साबित हो सकती हैं। उनका मानना है कि अगर हरमन कप्तानी के बोझ से मुक्त हो जाएं तो वह अपनी बल्लेबाजी और फील्डिंग में और भी अधिक योगदान दे सकती हैं।
रंगास्वामी ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, "यह पहले ही हो जाना चाहिए था। हरमन बेहतरीन बल्लेबाज और क्षेत्ररक्षक हैं, लेकिन कप्तानी के दबाव के चलते उनकी रणनीतिक सोच कभी-कभी कमजोर हो सकती है।" वह कहती हैं कि यदि हरमनप्रीत अपनी कप्तानी छोड़ देती हैं, तो यह उन्हें और भारतीय क्रिकेट दोनों को फायदा होगा, क्योंकि वह अपनी पूरी ऊर्जा और फोकस सिर्फ खेल पर केंद्रित कर सकेंगी।
स्मृति मंधाना को कप्तान बनाना भारतीय क्रिकेट के लिए बेहतर कदम हो सकता है
शांता रंगास्वामी का सुझाव है कि स्मृति मंधाना को अब भारतीय महिला क्रिकेट की कप्तानी सौंप देनी चाहिए। मंधाना को हर फॉर्मेट में कप्तान बनने के लिए एक स्वाभाविक उत्तराधिकारी माना जाता है। उनका मानना है कि स्मृति में वह नेतृत्व क्षमता है, जो भारतीय महिला क्रिकेट के भविष्य के लिए आवश्यक है। अगले दो प्रमुख टूर्नामेंट, 2026 का टी20 वर्ल्ड कप और 2029 का वनडे विश्व कप, को ध्यान में रखते हुए मंधाना के नेतृत्व में टीम को तैयार किया जाना चाहिए।
रंगास्वामी कहती हैं, "मैं समझती हूं कि इतनी बड़ी सफलता के बाद कप्तानी में बदलाव की बात को लोग सकारात्मक तरीके से नहीं लेंगे, लेकिन यह भारतीय क्रिकेट और हरमन दोनों के लिए फायदेमंद होगा।" उनका मानना है कि अगर हरमन कप्तान नहीं रहेंगी, तो वह अगले तीन-चार वर्षों तक और भी शानदार क्रिकेट खेल सकती हैं और अपनी टीम के लिए और ज्यादा योगदान दे सकती हैं।
आखिरकार, क्या कप्तानी में बदलाव सही कदम होगा?
यह सवाल भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक अहम मोड़ पर खड़ा है। शांता रंगास्वामी की सलाह कप्तानी में बदलाव की बात करती है, लेकिन इसे लागू करना एक संवेदनशील मुद्दा हो सकता है, खासकर जब भारतीय महिला टीम ने हाल ही में विश्व चैंपियन बनने की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।
हालांकि, यह सही समय हो सकता है जब भारतीय क्रिकेट को भविष्य के लिए एक नई दिशा मिल सके। कप्तानी में बदलाव न केवल टीम की रणनीति को बेहतर बना सकता है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का मौका भी दे सकता है। अब देखना यह है कि बोर्ड इस सलाह को कितना गंभीरता से लेता है और क्या भविष्य में इस बदलाव का रुख दिखता है।

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