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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में इस बात पर जोर दिया है कि मोटापे जैसी बढ़ती स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने और राष्ट्र की प्रभावी ढंग से सेवा करने के लिए देश में एक मजबूत 'स्वास्थ्य संस्कृति' का निर्माण करना अत्यंत आवश्यक है।

केजरीवाल ने कहा कि राष्ट्र सेवा का मतलब केवल सीमा पर लड़ने या सरकारी पदों पर काम करने तक सीमित नहीं है। एक स्वस्थ और उत्पादक नागरिक बनकर भी हम देश की सेवा करते हैं। उनका मानना है कि जब नागरिक शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होंगे, तभी देश समग्र रूप से मजबूत बन सकता है।

उन्होंने कहा कि मोटापा और उससे संबंधित बीमारियाँ न केवल व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को कम करती हैं, बल्कि देश की उत्पादकता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इस समस्या से लड़ने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास और एक सामूहिक 'स्वास्थ्य संस्कृति' की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने लोगों से फिटनेस और शारीरिक गतिविधि को अपने दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने का आह्वान किया। उन्होंने इस विचार को एक जन आंदोलन बनाने की बात कही, जहाँ लोग स्वाभाविक रूप से अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हों और उसे प्राथमिकता दें।

केजरीवाल के अनुसार, ऐसी संस्कृति जिसमें नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और समग्र स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए, वही भारत को मोटापे के बोझ से मुक्ति दिला सकती है और एक सशक्त, आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण में सहायक हो सकती है। यह एक ऐसा निवेश है जिसका लाभ व्यक्ति और राष्ट्र दोनों को मिलता है।

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