_2068227642.png)
Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान में निरंतर हो रही तेज़ बारिश ने राज्य के कई हिस्सों को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। भारी बरसात से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। निचले इलाकों में जलभराव के चलते गांवों का संपर्क टूट गया है और सड़क तथा रेल यातायात पर भी असर पड़ा है। प्रशासन के मुताबिक अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में दो महिलाओं की जान जा चुकी है, जबकि सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
पूर्वी राजस्थान सबसे ज़्यादा प्रभावित
कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और टोंक जैसे जिले बाढ़ जैसी स्थिति से जूझ रहे हैं। मौसम विभाग ने बताया कि शनिवार को बूंदी जिले के नैनवा में 502 मिमी तक बारिश दर्ज की गई, जो पिछले 24 घंटों में सर्वाधिक है। यही वजह है कि इलाके में नदी-नालों का जलस्तर अचानक बढ़ गया और ग्रामीण बस्तियां टापू बन गईं।
शहरों और कस्बों में जगह-जगह पानी भर जाने से यातायात बुरी तरह से ठप है। बूंदी, सवाई माधोपुर और टोंक की स्थिति सबसे गंभीर बताई जा रही है।
बचाव अभियान में सेना और एनडीआरएफ
हालात बिगड़ते देख प्रशासन को बचाव और राहत कार्य के लिए सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें उतारनी पड़ीं। कोटा और बूंदी में बाढ़ग्रस्त इलाकों से लोगों को निकालने के लिए एयरफोर्स के एमआई-17 हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है। सेना के जवान नावों और रस्सियों की मदद से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रहे हैं।
आपदा राहत मंत्री किरोड़ी मीणा और गृह मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कोटा संभाग में हवाई सर्वे किया। वहीं लोकसभा अध्यक्ष और कोटा-बूंदी के सांसद ओम बिरला ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा कर राहत कार्यों की समीक्षा की।
दर्दनाक हादसे
भारी बारिश से बूंदी जिले में दो अलग-अलग हादसों ने दो महिलाओं की जान ले ली। एक 50 वर्षीय महिला कैलाशीबाई बाढ़ के तेज बहाव में बह गईं, जबकि 65 वर्षीय मनभरबाई की मौत खेत में बने टिन शेड के गिरने से हो गई। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया।
इसके अलावा लाखेरी थाना क्षेत्र के भावपुरा गांव में एक एसयूवी उफनते नाले में फंस गई। गाड़ी में सात लोग सवार थे लेकिन ग्रामीणों और बचाव दल की त्वरित कार्रवाई से सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया।
--Advertisement--