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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी को कलकत्ता उच्च न्यायालय से एक बड़ा झटका लगा है। अदालत ने उन्हें अपनी पूर्व पत्नी हसीन जहां और बेटी को हर महीने ₹4 लाख गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है।

उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति शम्पा दत्त (पॉल) की एकल-न्यायाधीश पीठ ने यह आदेश दिया। इस आदेश के तहत, शमी को हसीन जहां को ₹1.30 लाख उनके रखरखाव के लिए और अपनी बेटी के शिक्षा व रखरखाव के लिए ₹2.70 लाख मासिक रूप से भुगतान करना होगा। यह फैसला हसीन जहां द्वारा 2018 में दायर घरेलू हिंसा मामले में आया है।

इससे पहले, एक निचली अदालत ने 2023 में शमी को सिर्फ उनकी बेटी के लिए ₹50,000 मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था, लेकिन हसीन जहां के लिए कोई गुजारा भत्ता तय नहीं किया था। हसीन जहां ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की थी, जिसमें उन्होंने ₹10 लाख मासिक गुजारा भत्ता की मांग की थी।

अदालत में, हसीन जहां के वकील ने मोहम्मद शमी की उच्च आय का हवाला दिया, जिसमें बीसीसीआई और आईपीएल से ₹7 करोड़ से अधिक की कमाई शामिल थी। उन्होंने तर्क दिया कि हसीन जहां की आय सीमित है और वह इतनी अधिक राशि नहीं कमा सकती हैं। वहीं, शमी के वकील ने यह तर्क दिया कि उनकी आय स्थायी नहीं है और प्रदर्शन के आधार पर घटती-बढ़ती रहती है

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