
Up Kiran, Digital Desk: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण फैसले में लगभग ₹1 लाख करोड़ की लागत वाली दो प्रमुख योजनाओं को अपनी मंजूरी दे दी है। इन योजनाओं का उद्देश्य देश के विभिन्न वर्गों को लाभ पहुंचाना और विकास को गति देना है, साथ ही रोजगार सृजन और कमजोर समुदायों के उत्थान पर भी विशेष ध्यान केंद्रित करना है।
इनमें से पहली योजना 'पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना' है, जिसके लिए ₹75,021 करोड़ का भारी-भरकम बजट आवंटित किया गया है। इस योजना का लक्ष्य देश के एक करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर पैनल लगाकर उन्हें मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना है।
इससे प्रत्येक घर को प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी, जिससे उनके सालाना बिजली बिल में ₹15,000 से ₹18,000 तक की बचत होगी। यह पहल न केवल बिजली बिल कम करेगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने और हरित ऊर्जा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
दूसरी महत्वपूर्ण योजना 'प्रधानमंत्री जन अनुसूचित जनजाति न्याय महा अभियान' (पीएम-जनमन) है, जिसके लिए ₹24,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। यह योजना विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के उत्थान के लिए समर्पित है।
इसका उद्देश्य इन समुदायों को आवास, सड़क, स्वच्छ पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, दूरसंचार कनेक्टिविटी और अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है, ताकि उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाया जा सके और उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके।
इन योजनाओं को केंद्रीय मंत्रियों, धर्मेंद्र प्रधान (शिक्षा मंत्री), अर्जुन मुंडा (जनजातीय कार्य मंत्री) और अश्विनी वैष्णव (रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री) द्वारा रेखांकित किया गया।
इन फैसलों से केंद्र सरकार की समावेशी विकास, जन कल्याण और देश के हर नागरिक तक विकास का लाभ पहुंचाने की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है। यह निर्णय भारत के आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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