
सोने की कीमतों में बीते कुछ महीनों से लगातार तेजी देखी जा रही है और अब यह तेजी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है। सोमवार को दिल्ली में सोना 1,650 रुपये की बड़ी छलांग के साथ 99,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गया। यह अब तक की सबसे ऊंची कीमतों में से एक है। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की यह दर शुक्रवार को 98,150 रुपये थी। वहीं, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 1,600 रुपये की तेजी के साथ 99,300 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया।
क्यों लगातार बढ़ रही है सोने की कीमत
सोने की कीमतों में इस उछाल के पीछे कई वैश्विक और आर्थिक कारक हैं। सबसे प्रमुख कारणों में शामिल है अमेरिका की मौजूदा आर्थिक नीतियां। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बीच ब्याज दरों को लेकर चल रही तनातनी ने निवेशकों के बीच असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है, जिसका सीधा असर सोने पर पड़ा है।
इसके अलावा अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने से भी सोने की कीमतें ऊपर जा रही हैं। मंगलवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना 99,178 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो एक नया रिकॉर्ड है।
MCX पर सोने का फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट भी नई ऊंचाई पर
जून 2025 की समाप्ति वाले फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की बात करें तो MCX पर यह ₹98,753 प्रति 10 ग्राम पर खुला और शुरुआती कुछ ही मिनटों में ₹99,178 के इंट्राडे हाई तक पहुंच गया। HDFC सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी हेड अनुज गुप्ता ने बताया कि ट्रंप और पॉवेल के बीच तनाव और वैश्विक अनिश्चितता ने सोने को सबसे सुरक्षित निवेश बना दिया है। यही कारण है कि कीमतें दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं।
ट्रंप और पॉवेल के बीच विवाद से बढ़ा निवेशकों का सतर्कता भाव
अनुज गुप्ता का मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध, ग्लोबल मंदी की आशंकाएं और ब्याज दरों को लेकर अमेरिका में राजनीतिक अस्थिरता की वजह से निवेशक सोने की ओर रुख कर रहे हैं। डेवेरे ग्रुप के सीईओ निगेल ग्रीन का भी कहना है कि ट्रंप ब्याज दरों में तुरंत कटौती चाहते हैं जबकि पॉवेल इससे इनकार कर रहे हैं। इससे वैश्विक बाजार में अनिश्चितता फैल रही है और निवेशक सोने में सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे हैं।
26.41 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है इस साल सोने की कीमत
31 दिसंबर 2025 से अब तक सोना 20,850 रुपये यानी 26.41 प्रतिशत प्रति 10 ग्राम तक महंगा हो चुका है। ऐसे में यह निवेशकों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है, लेकिन आम ग्राहकों और ज्वैलर्स के लिए यह संकट का कारण बन गया है।
ज्वैलरी उद्योग में आई मंदी: बिक्री में 75% तक की गिरावट
सोने की कीमतों में इस तेजी का सीधा असर ज्वैलरी कारोबार पर पड़ा है। ऑल बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन योगेश सिंघल के मुताबिक, ग्राहकों की खरीदारी लगभग बंद हो चुकी है और दुकानों पर सन्नाटा पसरा है। उनका कहना है कि ज्वैलरी कारोबार में 75 प्रतिशत तक की गिरावट आ चुकी है और अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय में यह और भी खराब हो सकती है।
50 प्रतिशत कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा
योगेश सिंघल ने चेतावनी दी कि अगर कारोबार में सुधार नहीं हुआ तो इंडस्ट्री में काम करने वाले करीब 50 प्रतिशत लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। आज की तारीख में केवल सरकार, बैंकों और अमीर वर्ग के लोग ही सोना खरीद पा रहे हैं। मध्यम वर्ग इस स्थिति में नहीं है कि वह इतने महंगे दामों पर सोना खरीद सके, जबकि निम्न वर्ग के लिए यह अब एक सपना बन गया है।
GST और मेकिंग चार्ज ने और बढ़ाई आम ग्राहक की परेशानी
सोने की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ GST और मेकिंग चार्ज भी ग्राहकों की जेब पर भारी पड़ रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर आप आज 10 ग्राम सोने की एक चेन खरीदते हैं जिसकी कीमत ₹1,00,000 है, तो आपको 3 प्रतिशत GST यानी ₹3,000 और 15 प्रतिशत मेकिंग चार्ज यानी ₹15,000 भी अलग से देना होगा। इस तरह कुल खर्च ₹1,18,000 तक पहुंच जाता है। यदि यही सोना ₹50,000 प्रति 10 ग्राम होता, तो GST ₹1,500 और मेकिंग चार्ज ₹7,500 होता।