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Up Kiran, Digital Desk: 2025 की जून में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक ने आम लोगों को राहत की सौगात दी। लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती करते हुए RBI ने इसे 6.00% से घटाकर 5.50% कर दिया है। इसका सीधा असर बैंकों की कर्ज दरों पर पड़ा है – और इस बार बदलाव बड़ा है। प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, जैसे केनरा बैंक, PNB, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा ने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में 0.50% तक की कटौती की है।
अब सवाल यह है कि आम ग्राहकों के लिए इसका क्या मतलब है? क्या होम और ऑटो लोन अब वाकई में सस्ते हो गए हैं? और यह बदलाव आपकी जेब पर किस तरह असर डालेगा? आइए इस पूरे घटनाक्रम को सरल भाषा में समझते हैं।
RBI की रेपो रेट कटौती, क्या है इसका मतलब
सबसे पहले, यह जानना जरूरी है कि रेपो रेट क्या होती है। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है। जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंकों को सस्ते में पैसा मिलता है, और बदले में वे ग्राहकों को भी कम ब्याज दर पर लोन देने लगते हैं।
जून 2025 की बैठक में RBI ने रेपो रेट को 0.50% घटाकर 5.50% कर दिया है। यह लगातार तीसरी कटौती है – जिससे यह स्पष्ट है कि RBI अब मांग को बढ़ावा देने और आर्थिक गतिविधियों को गति देने के मूड में है।
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