Up Kiran, Digital Desk: भारत को आखिरकार वह मिल गया जिसकी उसे उम्मीद थी, जैसा कि कप्तान शुभमन गिल ने खुद स्वीकार किया। सिडनी में 25 अक्टूबर को तीसरे वनडे में टॉस हारने के बावजूद भारत को वो मौका मिला जिसे वे खोज रहे थे। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने बल्लेबाजी का विकल्प चुना, और इस बार सही निर्णय लिया। यह कदम एक अच्छे विकेट के संकेत था, जिस पर बल्लेबाजों को सफलता मिलने की पूरी उम्मीद थी।
क्या हुआ बदलावों के साथ?
ऑस्ट्रेलिया ने एक महत्वपूर्ण बदलाव किया। नाथन एलिस को तेज गेंदबाजी के लिए टीम में वापस लिया गया, क्योंकि वह श्रृंखला के समापन के लिए फिट हो गए थे। वहीं भारत ने अपने गेंदबाजों में बदलाव करते हुए कुलदीप यादव और प्रसिद्ध कृष्णा को शामिल किया, जो अपने पहले खेल के लिए उतरे।
कुलदीप और प्रसिद्ध ने नीतीश कुमार रेड्डी और अर्शदीप सिंह की जगह ली। अर्शदीप को आराम दिया गया था, क्योंकि वे अगले सप्ताह से शुरू होने वाले पांच टी20 मैचों के लिए उपलब्ध हो सकते हैं। वहीं, नीतीश कुमार रेड्डी को क्वाड्रिसेप्स की चोट के कारण बाहर कर दिया गया, जिसकी पुष्टि बीसीसीआई ने टॉस के तुरंत बाद की।
रेड्डी की चोट और टीम पर असर
बीसीसीआई ने अपने ट्विटर अकाउंट पर बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि "नीतीश कुमार रेड्डी को एडिलेड में दूसरे वनडे के दौरान बाएं हाथ की मांसपेशियों में चोट लगी थी, जिसके बाद वह तीसरे वनडे के लिए चयन के लिए उपलब्ध नहीं थे। बीसीसीआई की मेडिकल टीम उनकी निगरानी कर रही है।"
यह रेड्डी के लिए दूसरी चोट है। इससे पहले इंग्लैंड दौरे के दौरान उन्हें घुटने में चोट लगी थी, जिसके बाद वे कुछ टेस्ट मैचों से बाहर हो गए थे। अगर उनकी चोट जल्दी ठीक नहीं होती, तो भारत को आगामी पांच टी20 मैचों के लिए एक और खिलाड़ी की जरूरत पड़ सकती है। हार्दिक पांड्या पहले से ही टीम में नहीं हैं, और इस स्थिति में टीम को अपने गेंदबाजों के विकल्प पर विचार करना होगा।
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