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Up Kiran, Digital Desk: क्या आपने कभी सोचा है कि मिलाद उन-नबी का त्योहार कैसे (How is Milad un Nabi celebrated) मनाया जाता है? यह खास दिन इस्लाम धर्म में पैग़ंबर मोहम्मद साहब के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि यह दिन क्यों खास होता है और लोग इसे किस तरह मनाते हैं।
मिलाद उन-नबी का महत्व (Significance of Milad un-Nabi)
मिलाद उन-नबी, जिसे ईद मिलादुन्नबी भी कहा जाता है, इस्लाम धर्म के सबसे पवित्र दिनों में से एक है। यह दिन पैग़ंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। मुसलमानों का मानना है कि मोहम्मद साहब को अल्लाह ने मानवता को सही राह दिखाने के लिए भेजा था। इस दिन लोग उनके जीवन, उनके उपदेशों और उनके किए गए कार्यों को याद करते हैं। (How is Milad un Nabi celebrated)
जुलूस और धार्मिक कार्यक्रम (Processions and religious programs)
इस दिन सुबह से ही कई शहरों और गांवों में जुलूस निकाले जाते हैं। लोग हरे झंडों के साथ नारे लगाते हुए पैग़ंबर साहब की शान में गीत गाते हैं। जुलूस के रास्ते को फूलों और लाइटों से सजाया जाता है। इसके साथ ही मस्जिदों में विशेष नमाज का आयोजन होता है। लोग मिलकर कुरान की तिलावत करते हैं और मोहम्मद साहब की सीरत (जीवन चरित्र) पर चर्चा करते हैं।
घरों और मस्जिदों की सजावट (Decoration of houses and mosques)
मिलाद उन-नबी पर लोग अपने घरों और मोहल्लों को सजाते हैं। मस्जिदों को रोशनी और फूलों से सजाया जाता है। रात के समय ये सजावट देखने लायक होती है। कई जगहों पर इस्लामी भाषण और कव्वालियां भी होती हैं, जिसमें मोहम्मद साहब की तारीफ की जाती है।
जरूरतमंदों की मदद करना (Helping the needy)
इस दिन का एक और अहम हिस्सा है दान देना। लोग गरीबों को खाना खिलाते हैं, कपड़े देते हैं और ज़रूरतमंदों की मदद करते हैं। यह माना जाता है कि इस दिन अच्छे काम करने से सवाब (पुण्य) कई गुना बढ़ जाता है।
बच्चों और युवाओं की भागीदारी
मिलाद उन-नबी के मौके पर बच्चे और युवा भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। वे स्कूलों में भाषण प्रतियोगिताएं, धार्मिक क्विज और नाटक करते हैं। इससे उनमें पैग़ंबर मोहम्मद साहब के जीवन से जुड़ी जानकारी और प्रेरणा मिलती है।
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