Up Kiran, Digital Desk: क्रिकेट को "जेंटलमैन का खेल" कहा जाता है, लेकिन जब बात आईपीएल की आती है, तो यह सिर्फ खेल नहीं, एक इमोशन बन जाता है। तेज़ रफ्तार मुकाबले, दमदार छक्के और रणनीतियों का खेल – यही तो है इंडियन प्रीमियर लीग का असली रोमांच। मगर इस बार आईपीएल 2025 के 56वें मैच में एक अनोखा किस्सा देखने को मिला। मुंबई इंडियंस ने एक नहीं, दो नहीं... पूरे 13 खिलाड़ियों का इस्तेमाल कर सबको चौंका दिया।
क्या वाकई ऐसा हो सकता है। आईये इस दिलचस्प कहानी के पीछे की क्रिकेटिंग तकनीकी को सरल भाषा में समझते हैं।
कैसे मैदान में उतरे 13 खिलाड़ी
मुंबई इंडियंस और गुजरात टाइटंस के बीच मुकाबले में कुछ ऐसा हुआ जो शायद पहले कभी नहीं देखा गया। इस मुकाबले में मुंबई ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 155 रन बनाए। लेकिन जब बल्लेबाज़ कॉर्बिन बॉश को एक तेज़ गेंद हेलमेट पर लगी, तो खेल में एक ट्विस्ट आ गया।
गेंद लगने के बाद उन्हें कन्कशन जांच के लिए मैदान से बाहर ले जाया गया। क्रिकेट के नियमों के अनुसार, अगर किसी खिलाड़ी को सिर या गर्दन में चोट लगे तो उसे ‘लाइक-टू-लाइक कन्कशन सब्स्टीट्यूट’ से बदला जा सकता है। मतलब – बल्लेबाज़ की जगह बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ की जगह गेंदबाज़ ही आ सकता है।
इस नियम के तहत अश्वनी कुमार को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में मौका मिला। यानी यह टीम का 12वां खिलाड़ी बन गया।
फिर इम्पैक्ट प्लेयर कहां से आया
अब आते हैं इम्पैक्ट प्लेयर रूल पर – जो आईपीएल की दुनिया में गेम-चेंजर बन चुका है।
इस नियम के तहत, हर टीम को अपनी प्लेइंग 11 के अलावा पांच सब्स्टीट्यूट खिलाड़ियों की लिस्ट देनी होती है। कप्तान मैच के दौरान किसी भी नेचुरल ब्रेक (जैसे ओवर खत्म, विकेट गिरना आदि) पर इनमें से किसी एक खिलाड़ी को ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ के रूप में उतार सकता है।
लेकिन एक शर्त होती है – जिसे इम्पैक्ट प्लेयर रिप्लेस करेगा, वह खिलाड़ी मैच में दोबारा वापसी नहीं कर सकता। मुंबई ने इस नियम के तहत भी एक खिलाड़ी को बदला – यानी कन्कशन सब्स्टीट्यूट और इम्पैक्ट प्लेयर – दोनों का एक साथ इस्तेमाल किया गया। इस तरह मैदान पर कुल 13 खिलाड़ियों का योगदान देखने को मिला, भले ही एक समय में सिर्फ 11 ही मौजूद हों।
                    



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