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नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने बीते कुछ वर्षों में टेस्ट क्रिकेट में बतौर ओपनर खुद को एक नई पहचान दी है। सीमित ओवरों के क्रिकेट में पहले से ही अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए मशहूर रोहित ने टेस्ट क्रिकेट में भी वही अंदाज दिखाते हुए खुद को एक भरोसेमंद और खतरनाक ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में स्थापित किया है। इस बदलाव के पीछे क्या वजह रही, इसका खुलासा भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने किया है।
रवि शास्त्री के अनुसार, रोहित शर्मा को टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग की जिम्मेदारी सौंपना एक रणनीतिक फैसला था, जिसे उन्होंने और टीम मैनेजमेंट ने मिलकर लिया। शास्त्री ने बताया कि रोहित के पास तकनीकी दक्षता, टाइमिंग और संयम जैसी खूबियां हैं, जो उन्हें टेस्ट ओपनर के रूप में सफल बना सकती थीं। यही वजह थी कि 2019 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ उन्हें पहली बार टेस्ट में ओपनिंग करने का मौका दिया गया, और उन्होंने उस मौके को दोनों हाथों से भुनाया।
शास्त्री ने कहा, "हमें विश्वास था कि अगर रोहित को शुरुआत में ही सेट होने का समय मिल जाए, तो वह लंबे समय तक बल्लेबाजी कर सकते हैं और टीम को तेज शुरुआत दे सकते हैं। उनकी स्वाभाविक आक्रामकता विपक्षी गेंदबाजों पर दबाव बनाने का काम करती है।"
रोहित ने टेस्ट क्रिकेट में बतौर ओपनर कई अहम पारियां खेली हैं, जिनमें विदेशी धरती पर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों के खिलाफ उनकी पारियां विशेष रूप से सराही गई हैं। उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में टीम को मजबूत शुरुआत दी और रन गति को बनाए रखा।
इस तरह, रोहित शर्मा का टेस्ट ओपनर के रूप में सफल होना एक सुनियोजित निर्णय का नतीजा है, जिसमें उनकी मेहनत, अनुभव और टीम मैनेजमेंट का भरोसा शामिल है। आज वे सिर्फ एक सफल ओपनर ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे खतरनाक टेस्ट सलामी बल्लेबाजों में से एक माने जाते हैं।
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