
12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान AI-171, एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य शामिल थे। इस हादसे में केवल एक यात्री जीवित बचा, जिनका नाम विश्वास कुमार रमेश है।
विश्वास कुमार रमेश, 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक, विमान में सीट 11A पर बैठे थे। यह सीट आपातकालीन निकासी द्वार के पास थी। उड़ान भरने के लगभग 30 सेकंड बाद विमान में तेज आवाज आई और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विश्वास कुमार ने बताया कि उन्होंने होश में आते ही पाया कि उनके पास उनका बोर्डिंग पास था और चारों ओर शव पड़े हुए थे। इसके बावजूद, वह अपने स्थान से उठे और आपातकालीन निकासी द्वार की ओर बढ़े।
विश्वास कुमार की चमत्कारी बचाव की कहानी ने सभी को हैरान कर दिया। उन्होंने बताया कि दुर्घटना के बाद वह खुद चलकर एंबुलेंस तक पहुंचे। उनका कहना था कि यह भगवान का चमत्कार था कि वह बच गए। इस हादसे में उनके भाई अजय कुमार रमेश की भी मृत्यु हो गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि विश्वास कुमार की जान बचने का कारण उनकी सीट का स्थान हो सकता है। आपातकालीन निकासी द्वार के पास बैठने से उन्हें जल्दी बाहर निकलने का अवसर मिला, जिससे वह बच गए। हालांकि, यह भी सच है कि विमान की नाक के ऊपर की ओर झुकी होने के कारण विमान का पिछला हिस्सा सबसे अधिक प्रभावित हुआ, जिससे अधिकांश यात्री घायल या मृत हो गए।
इस दुर्घटना ने विमान सुरक्षा की महत्ता को एक बार फिर उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि विमान के सभी सिस्टम और उपकरणों की नियमित जांच और मेंटेनेंस से ऐसे हादसों को रोका जा सकता है। इसके अलावा, पायलटों और चालक दल के सदस्यों को भी नियमित प्रशिक्षण और अपडेटेड जानकारी प्रदान करना आवश्यक है।
अंत में, विश्वास कुमार रमेश की चमत्कारी बचाव की कहानी यह दर्शाती है कि कभी-कभी परिस्थितियाँ इतनी विपरीत होती हैं कि केवल भाग्य ही किसी की जान बचा सकता है।
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