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Up Kiran,Digital Desk: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। भारत के 20 से अधिक शहरों पर हुए ड्रोन हमलों के बाद भारतीय वायु सेना (IAF) ने आधी रात के आसपास पाकिस्तान के तीन प्रमुख सैन्य एयरबेस पर मिसाइल हमले किए। इन हमलों का मुख्य निशाना मुरीद रफ़ीकी और नूर खान एयरबेस रहे जहाँ भारी तबाही की आशंका जताई जा रही है।

सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान द्वारा भारत के संवेदनशील शहरी क्षेत्रों में किए गए ड्रोन हमले तुर्की-निर्मित मानव रहित हवाई वाहनों (UAVs) के माध्यम से किए गए थे। इन ड्रोन हमलों में सैन्य ठिकानों औद्योगिक केंद्रों और इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया गया जिससे भारत के सुरक्षा तंत्र में हलचल मच गई।

जवाबी कार्रवाई में भारत ने "सटीक निशानेबाजी" की रणनीति अपनाते हुए पाकिस्तान के तीन एयरबेसों को टारगेट किया

PAF Base Murid: ड्रोन संचालन और रणनीतिक स्थान के कारण अहम।

PAF Base Rafiqui (Shorkot): सामरिक हमले के लिए विख्यात 1965 के युद्ध में प्रमुख भूमिका निभा चुका।

PAF Base Nur Khan (Chaklala): एयरलिफ्ट और कमांड सपोर्ट बेस अमेरिकी गतिविधियों से जुड़ा रहा है।

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार भारत का यह हमला “संदेश देने की रणनीति” के तहत किया गया है जो पाकिस्तान की उकसावे वाली नीति पर निर्णायक प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।

भारत का मिसाइल हमला: पाकिस्तान के हवाई ढांचे पर क्या असर पड़ेगा

भारतीय वायुसेना द्वारा तीन प्रमुख पाकिस्तानी एयरबेसों पर हमले के बाद यह सवाल उठ रहा है – क्या पाकिस्तान की एयर डिफेंस संरचना इस तरह के हमलों से निपटने के लिए तैयार है?

पाकिस्तान के एयरबेस: सीमित लेकिन सक्रिय

पाकिस्तानी वायुसेना (PAF) के पास कुल 21 ऑपरेशनल एयरबेस हैं जिनमें से 13 फ्लाइंग बेस हैं। यह बेस तीन भौगोलिक कमांड – पेशावर (NAC) लाहौर (CAC) कराची (SAC) – और दो कार्यात्मक कमांड के अंतर्गत आते हैं।

इनमें से अधिकांश बेस पूर्ण रूप से ऑपरेशनल हैं और नियमित उड़ान संचालन करते हैं।

PAF Base Murid रणनीतिक रूप से भारत-पाक सीमा के पास स्थित है।
Rafiqui Airbase को एयरस्ट्राइक के लिए भारत के पुराने निशानों में गिना जाता है।
Nur Khan Airbase में VIP ट्रांसपोर्ट और विदेशी समर्थन अभियानों की भूमिका रही है।

भारतीय वायुसेना की ताकत पर एक नजर

भारतीय वायुसेना के पास 66 एयर स्टेशन्स हैं जिनमें से 47 मुख्य विंग हैं। इसके अतिरिक्त 19 फॉरवर्ड बेस सपोर्ट यूनिट्स (FBSU) भी हैं। भारतीय वायुसेना की तकनीकी रणनीतिक और संख्यात्मक क्षमता पाकिस्तान से कहीं आगे मानी जाती है। भारत का जवाबी हमला एक संदेश है कि वह उकसावे को बर्दाश्त नहीं करेगा। यह न केवल पाकिस्तान बल्कि तुर्की और अन्य ड्रोन आपूर्तिकर्ताओं को भी चेतावनी है।

आपको बता दें कि भारत-पाकिस्तान संबंध एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। हालांकि दोनों परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र हैं लेकिन इस बार का टकराव सिर्फ सीमित सीमा संघर्ष नहीं रह गया है – यह अब तकनीकी और साइबर युद्ध के रूप में भी उभर रहा है जिसमें ड्रोन सटीक मिसाइलें और हाइब्रिड रणनीति शामिल है।

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