Up Kiran, Digital Desk: जहां एक ओर अमेरिका खुद को दुनिया में आतंक के खिलाफ लड़ने वाला सबसे बड़ा देश बताता है, वहीं उसके अपने भीतर एक खतरनाक विचारधारा तेजी से पनप रही है। अमेरिका में सक्रिय एक चरमपंथी संगठन ‘आर्यन फ्रीडम नेटवर्क’ (AFN) इन दिनों चर्चा में है, जो श्वेत वर्चस्व और नव-नाजी सोच को बढ़ावा देता है। हैरानी की बात यह है कि इस संगठन की गतिविधियों में तेजी उस दौर में आई जब डोनाल्ड ट्रंप देश के राष्ट्रपति थे।
अंदरूनी खतरा, बाहरी लड़ाई
एक ओर ट्रंप प्रशासन ईरान समर्थित गुटों जैसे हिजबुल्ला और हूती विद्रोहियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाता रहा है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका के भीतर आर्यन फ्रीडम नेटवर्क जैसे समूह बिना किसी ठोस सरकारी हस्तक्षेप के विस्तार पा रहे हैं। यह संगठन अब तक अमेरिका के 34 राज्यों में फैल चुका है और इसके राज्य स्तरीय इकाइयों की संख्या ट्रंप के कार्यकाल में दोगुनी हो चुकी है।
संगठन की पृष्ठभूमि और उद्देश्य
AFN की स्थापना 2018 में हुई थी और इसका मुख्यालय टेक्सास में स्थित है। संगठन के संस्थापक डॉल्टन हेनरी स्टाउट हैं। इसका मुख्य एजेंडा श्वेत राष्ट्रवाद को बढ़ावा देना और एक 'आर्यन राष्ट्र' की स्थापना करना है। संगठन खुले तौर पर यहूदी, अश्वेत, एलजीबीटीक्यू+ समुदाय और प्रवासियों के खिलाफ अभियान चलाता है।
हालांकि अमेरिकी सरकार ने इस संगठन को अभी तक आधिकारिक रूप से आतंकवादी संगठन नहीं घोषित किया है, लेकिन इसके कई सदस्यों को हिंसक गतिविधियों, अवैध हथियार रखने और धमकाने जैसे आरोपों में गिरफ्तार किया जा चुका है।
कट्टरता का बढ़ता नेटवर्क
ISD (इंस्टिट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक डायलॉग) की रिपोर्ट के अनुसार, AFN हर साल 'व्हाइट यूनिटी कॉन्फ्रेंस' और 'आर्यन फेस्ट' जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करता है, जहां श्वेत वर्चस्व के विचारों को प्रचारित किया जाता है। संगठन के पास अनुमानित 1500 से अधिक सदस्य हैं।
अफसरों की नजर में आए सदस्य
हाल ही में मिनेसोटा के रहने वाले एंड्रयू मंसिंगर को एफबीआई ने गिरफ्तार किया। उसके पास भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री थी। पूछताछ में उसने खुद को AFN का सदस्य बताया और एफबीआई अधिकारियों पर शॉटगन तानने का प्रयास भी किया था।
ट्रंप से वैचारिक मेल
AFN के सदस्य खुले तौर पर ट्रंप के विचारों और नीतियों का समर्थन करते हैं। विशेषकर ट्रंप की प्रवासी विरोधी बयानबाज़ी, विविधता कार्यक्रमों के खिलाफ रुख और दंगाइयों को क्षमा देने जैसे कदमों को संगठन अपने एजेंडे के अनुकूल मानता है। नेटवर्क के संस्थापक स्टाउट का कहना है कि ट्रंप ने उन मुद्दों को उठाया है जिन्हें AFN वर्षों से प्रचारित करता रहा है।
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